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पिथौरागढ़ में अतिवृष्टि से तबाही, धारचूला के तीजम में आई आपदा, इलाके को जोड़ने वाला पुल बहा


पिथौरागढ़: जिले के तीजम में अतिवृष्टि ने तबाही मचाई है. तेज बारिश से तीजम में भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों ने बादल फटने की आशंका जताई है. अतिवृष्टि की घटना मंगलवार देर रात की है. राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रशासन की टीमें रवाना हो चुकी हैं. टीमों के इलाके में पहुंचने के बाद ही नुकसान का पता चल सकेगा.

धारचूला के तीजम में अतिवृष्टि: पिथौरागढ़ जिले में लगातार हो रही बारिश से देर रात्रि धारचूला तहसील के दार्मा वैली के तीजम में अतिवृष्टि हुई है. ग्रामीण बादल फटने की आशंका जता रहे हैं. अतिवृष्टि के कारण आए जल सैलाब में तीजम को जोड़ने वाला लकड़ी का पुल बह गया है. इसी से इलाके में वाहनों की आवाजाही होती थी. अतिवृष्टि के बाद से तीजम में अफरातफरी का माहौल है.

तीजम में अतिवृष्टि (Video courtesy: Rural resident Teejam)

अतिवृष्टि में मोटर पुल बहा: तीजम के ग्रामीण ने खुद वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है. ग्रामीणों जिला प्रशासन को बादल फटने आशंका जताते हुए मदद के लिए गुहार लगाई है. अतिवृष्टि की ये घटना देर रात 12 बजे होनी बताई जा रही है. पैदल पुल भी बहने की सूचना आ रही है. फिलहाल अभी तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है. तेज बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ गया है. प्रशासन की टीम रेस्क्यू के लिए मौके के लिए रवाना हो चुकी है. प्रशासन के द्वारा मौके पर पहुंचे के बाद ही नुकसान की अधिक जानकारी मिल पायेगी.

पुल बहने से सैकड़ों लोग फंसे: तीजम में पुल बह जाने से नदी के दूसरी ओर सैकड़ों लोगों का संपर्क तहसील मुख्यालय से टूट चुका है. ग्रामीण ने बताया कि पुल बहकर करीब एक किलोमीटर दूर जा चुका है. अब फिलहाल वहां पर पुल बनाने के लिए बेस भी नहीं बचा है. ऐसे में इलाके में बहुत जल्द राहत और बचाव कार्य चलाने की आवश्यकता है. ग्रामीणों ने जरूरत पड़ने पर प्रशासन से हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू चलाने की गुजारिश की है. तीजम की धारचूला तहसील से दूरी करीब 40 किलोमीटर है. जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से इसकी दूरी करीब 150 किलोमीटर है. जगह-जगह मार्ग बंद हैं.

मसूरी में कार और स्कूटी के ऊपर गिरा पेड़: मसूरी के टिहरी बस स्टैंड के पास आज सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. एक विशाल बांज का पेड़ अचानक टूटकर मुख्य सड़क पर गिर गया. पेड़ की चपेट में एक कार और एक स्कूटी आ गईं, जो बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं. गनीमत रही कि उस वक्त गाड़ियों में कोई नहीं था और किसी को चोट नहीं आई. सुबह का समय होने की वजह से वहां से कई स्कूली बच्चे और लोग गुजर रहे थे, लेकिन पेड़ गिरने से कुछ ही सेकंड पहले वे आगे निकल गए थे.

वन दरोगा अभिषेक सजवाण ने बताया कि यह पेड़ काफी पुराना और भारी था. बारिश और हवा के कारण इसकी जड़ें कमजोर हो गई थीं. वन विभाग द्वारा अब आसपास के इलाके में पेड़ों की जांच की जा रही है, ताकि समय रहते कमजोर और खतरे वाले पेड़ों को हटाया जा सके.

स्थानीय निवासी दिगम्बर लाल ने बताया कि, अगर पेड़ दो मिनट पहले गिरता, तो स्कूल जाते कई बच्चे उसकी चपेट में आ सकते थे. सड़क पर आम तौर पर सुबह के वक्त काफी चहल-पहल होती है. यह किसी चमत्कार से कम नहीं कि किसी की जान नहीं गई.

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