संसद शीतकालीन सत्र (ANI)
देहरादून: कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने आज आठ दिसंबर को राज्यसभा में उत्तराखंड का बड़ा मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को भी जमकर घेरा है. कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन का आरोप है कि उत्तराखंड के इको-सेंसेटिव जोन में 6,000 पेड़ काटने की अनुमति दे दी गई है.
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने राज्यसभा ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं, एक पेड़ मां के नाम लगाओ और दूसरी तरफ विकास का झूठा ढकोसला देकर लाखों पेड़ काटे जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस सदन में पर्यावरण से लेकर रक्षा मंत्री तक ने आश्वासन दिया था कि वो देवदार के पेड़ों की नहीं कटने देंगे. लेकिन अब वहां से रिपोर्ट आ रही है कि भागीरथी के पास इको-सेंसेटिव जोन में भी 6 हजार पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी गई है.
इसी सदन में कहा गया था कि हम देवदार वृक्ष को नहीं काटने देंगे, लेकिन भागीरथी के पास इको-सेंसेटिव जोन है और वहां 6,000 पेड़ काटने की अनुमति दे दी गई है. चारधाम ऑल वेदर रोड पर अंधाधुंध चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ और पहाड़ काटे जाएंगे तो निश्चित है कि भूस्खलन बढ़ेगा. कई लोगों ने अपील की है कि यहां पर जो इको-सेंसेटिव जोन है, उसे बचाया जाए, लेकिन यह सरकार सदन में कुछ और कहती है, बाहर कुछ और करती है।
-रंजीत रंजन, कांग्रेस सांसद-
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि हिमालय में सड़क का चौड़ीकरण असफल हो रहा है. सेना और यात्री भूस्खलन की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में यह सरकार कैसा विकास कर रही है? एक तरफ आप कहते है कि ये सड़क सेना के लिए बहुत जरूरी है, दूसरी तरफ यहीं सड़क कई दिनों तक बंद रहती है. कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने पूछा कि सरकार किसी की शय पर इस तरह का विकास कर रही है?
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने बताया कि छह और सात दिसंबर की रिपोर्ट है कि वहां के लोग पेड़ों को बचाने के लिए उन्हें रक्षा सूत्र बांध रहे है. ये वहीं क्षेत्र है, जहां धराली की भीषण आपदा हुई थी, जहां 150 लोगों के शव अभी भी 40 फीट मलबे में दबे होने की बात कही जा रही है.
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि ये सोचने वाली है कि यदि उच्च हिमालय में चारधाम ऑल वेदर रोड के नाम पर इतनी भारी तादात में पेड़ और पहाड़ काटे जाएंगे तो निश्चित ही लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ेगी. इस बारे में कई समाजिक और खुद बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी भी सरकार को पत्र लिख चुके है.
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