पौड़ी: स्वतंत्रता दिवस समारोह 2025 के अवसर पर साधना स्वायत्त सहकारिता समूह को ‘आत्मनिर्भर संगठन पुरस्कार 2024‘ से सम्मानित किया जाएगा. यह सम्मान उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रदान किया जा रहा है.
पौड़ी विकासखंड में ‘उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ और सहयोगी संस्था ‘हिमोत्थान सोसाइटी’ (टाटा ट्रस्ट) के सहयोग से 6 क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) का गठन किया गया. जिनमें साधना स्वायत्त सहकारिता भी शामिल है. इस सहकारिता ने अपने क्षेत्र में आजीविका संवर्धन को प्राथमिकता बनाते हुए डेयरी यूनिट की स्थापना की, जिससे महिलाओं को संगठित और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया गया.
पौड़ी में महिलाओं ने किया कमाल (वीडियो सोर्स- Sadhna Cooperative/ETV Bharat)
206 महिलाएं डेयरी यूनिट तक पहुंचा रही दूध: शुरुआत में दो ग्राम पंचायतों से जुड़ी महिलाओं की ओर से शुरू की गई इस पहल का विस्तार अब 5 ग्राम पंचायतों तक हो चुका है. आज 206 महिलाएं रोजाना दूध एकत्र कर डेयरी यूनिट तक पहुंचा रही हैं. जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं.
रोजाना दूध एकत्र कर डेयरी यूनिट तक पहुंचा रही महिलाएं (फोटो सोर्स- Sadhna Autonomous Cooperative)
दीदीज कैफे यूनिट है खास: इसके अलावा सहकारिता की ओर से संचालित ‘दीदी कैफे यूनिट‘ क्षेत्र की एक अनूठी पहल है. इस कैफे में महिलाओं के हाथों से तैयार किए गए पारंपरिक पहाड़ी व्यंजन स्थानीय लोगों और पर्यटकों को परोसे जाते हैं. जिससे न केवल पहाड़ी संस्कृति और खानपान को बढ़ावा मिलता है, बल्कि महिलाओं को स्वरोजगार का सशक्त माध्यम भी प्राप्त होता है.

मंडुवा बिस्किट इकाई में महिलाएं (फोटो सोर्स- Sadhna Autonomous Cooperative)
डेयरी यूनिट से कमाई: डेयरी यूनिट से अब तक करीब 81 लाख रुपए की आय, जिसमें 4.60 लाख रुपए की शुद्ध कमाई हो चुकी है. कैफे यूनिट से 9 लाख रुपए की कुल आय और 3.20 लाख रुपए की कमाई हुई है. यह आंकड़े इस बात के जीवंत प्रमाण हैं कि जब महिलाएं संगठित होकर लक्ष्य निर्धारित करती हैं तो वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने में सक्षम होती हैं.

उत्तराखंड से साधना स्वायत्त सहकारिता समूह को मिलेगा पुरस्कार (फोटो सोर्स- Department of Rural Development)
“पौड़ी के ‘साधना स्वायत्त सहकारिता समूह’ को इस साल भारत सरकार की ओर से ‘आत्मनिर्भर स्वायत्त समूह सम्मान’ से नवाजा जाएगा. यह सम्मान स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर प्रदान किया जाएगा. समूह जिला मुख्यालय पर डेयरी और दीदी कैफे के संचालन का कार्य कर रहा है.”-गिरीश गुणवंत, मुख्य विकास अधिकारी
क्या बोलीं सीमा देवी? समूह से जुड़ी सीमा देवी ने बताया कि ‘शुरुआत में हमें समूह में कार्य करने की समुचित जानकारी नहीं थी, लेकिन हिमोत्थान संस्था के मार्गदर्शन से उन्हें सशक्त बनकर आगे बढ़ने की समझ मिली. हिमोत्थान ने हम सभी बहनों को सऊर और समझ दी, तभी हम अपने काम को आगे बढ़ा सकीं.‘
रामेश्वरी देवी ने साझा किए अनुभव: इसी क्लस्टर से जुड़ी ‘डांडा नागराजा समूह’ की सदस्य रामेश्वरी देवी ने बताया कि वर्तमान में डेयरी में 8 महिलाएं और कैफे में 5 महिलाएं कार्य कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ‘पहले हम घरों में खाली रहते थे, लेकिन समूह बनाकर फेडरेशन से जुड़ने के बाद हम सभी बहनें आत्मनिर्भर हो गई हैं.‘

दीदीज कैफ (फोटो सोर्स- Sadhna Autonomous Cooperative)
सुशीला रावत बोलीं- स्वावलंबी बनीं महिलाएं: वहीं, ननकोट गांव की ‘ज्वालामुखी समूह’ की अध्यक्ष सुशीला रावत ने साझा किया कि उन्होंने कृषि यंत्रों से काम की शुरुआत की थी और अब दुग्ध उत्पादन कर क्लस्टर को दूध की आपूर्ति कर रही हैं. उनके समूह की महिलाएं अब स्वावलंबी बन गई हैं.
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