काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर बाघ एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में बरेली के एक पोस्ट ऑफिस कर्मचारी का शव मिला। मृतक की पहचान भानु प्रताप के रूप में हुई है जो मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। पुलिस को शव के पास से सल्फास का डिब्बा मिला है जिससे आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर खड़ी बाघ एक्सप्रेस ट्रेन के दिव्यांग कोच में बरेली पोस्ट आफिस में तैनात कर्मचारी का शव मिला है। शिनाख्त बरेली निवासी 37 वर्षीय भानु प्रताप के रूप में हुई है। आशंका जताई जा रही है कि बरेली से ट्रेन पर चढ़ने के दौरान भानु ने जहर खा लिया। जीआरपी ने शव के पोस्टमार्टम के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है।
शास्त्रीनगर बरेली निवासी 37 वर्षीय भानु प्रताप बरेली पोस्ट आफिस में तैनात थे। उनके स्वजन ने राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) को बताया कि पांच साल पहले भानु सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। तब एक पैर काटना पड़ा। एक महीने से वह मानसिक तनाव में थे और काम पर नहीं जा रहे थे। अक्सर वह ट्रेन में बैठकर कहीं के लिए भी निकल पड़ते थे।
जीआरपी थानाध्यक्ष नरेश कोहली ने बताया कि मंगलवार को बाघ एक्सप्रेस काठगोदाम देरी से पहुंची। रूटीन चेकिंग के दौरान टीम ने ट्रेन के दिव्यांग कोच में एक व्यक्ति को बेसुध पाया। अस्पताल पहुंचाया, जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। तलाशी में जेब से आधार कार्ड, सल्फास का डिब्बा व मोबाइल फोन मिला।
शिनाख्त बरेली के शास्त्री नगर निवासी भानु प्रताप के रूप में हुई। सूचना पर बुधवार को स्वजन हल्द्वानी पहुंचे। इससे पहले वह हर बार ट्रेन में जाता था, लेकिन रास्ते में बरेली के आसपास ही उतर जाता था। शव बरेली से काठगोदाम तक 108 किलोमीटर तक सफर करता रहा। फिलहाल जीआरपी ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। जहर खाने या नहीं खाने की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर होगी।
ट्रेन में चेकिंग पर भी उठे सवाल
माना जा रहा है कि बरेली में जहर खाने के बाद पोस्ट आफिस कर्मी काठगोदाम तक पहुंच गया। यदि शव बरेली से काठगोदाम पहुंचा है तो यह सुरक्षा पर भी बड़े सवाल खड़े करता है। क्योंकि पूरे रास्ते में कहीं टीटी तो कहीं जीआरपी व आरपीएफ चेकिंग करने का दावा करती रहती हैं।