उत्तराखंड में महंगी होगी शराब (PHOTO- ETV Bharat)
देहरादून: आबकारी विभाग द्वारा शराब पर लगाए जाने वाले वैट (VAT) को लेकर अब स्थिति स्पष्ट हो गई है. अब तक शराब पर वैट का फार्मूला एक्साइज ड्यूटी से पहले का था. जिसे बदलकर विभाग ने संशोधित कर दिया है. हालांकि, पिछले फैसले के कारण राज्य को कम मिले राजस्व पर कोई बात नहीं हो रही है. दरअसल, नई आबकारी नीति लागू करते समय विभाग ने वैट को एक्साइज ड्यूटी से पहले ही जोड़ दिया था, जो कुल बिक्री के अनुरूप राजस्व प्राप्ति में कमी का कारण बन गया.
उत्तराखंड आबकारी विभाग ने आबकारी नीति में वैट को लेकर बड़ा बदलाव किया है. इसके कारण प्रदेश में शराब महंगी होगी, लेकिन शराब बिक्री पर राज्य को पहले के मुकाबले राजस्व ज्यादा मिल पाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि अब शराब की कुल बिक्री में लगने वाली एक्साइज ड्यूटी पर भी वेट लगेगा और इसका लाभ राज्य को मिल पाएगा.

विभाग ने आबकारी नीति में वैट को लेकर किया बड़ा बदलाव (PHOTO- उत्तराखंड आबकारी विभाग)
खास बात यह है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति में बदलाव किया गया था, जिसमें वैट को आखिरी में लगाने के बजाय एक्साइज ड्यूटी से पहले लगा दिया गया. गौरतलब है कि आबकारी विभाग वर्ष 2025-26 में 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व कमाने का दावा कर रहा था, लेकिन वैट निर्धारण की नई व्यवस्था ने शराब बिक्री के लिहाज से राजस्व को कम किया. यानी एक्साइज ड्यूटी पर लगने वाला वैट राज्य को मिल ही नहीं पाया. जब वित्त विभाग ने इस पर गंभीर आपत्ति उठाई और विस्तृत क्वेरी लगाई, तब जाकर आबकारी विभाग को अपने वैट फार्मूले में बदलाव करना पड़ा.
प्रमुख सचिव आबकारी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, नई नीति को लेकर पिछले काफी समय से शासन में होमवर्क चल रहा था. वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति लगाई थी और इसके बाद से ही आबकारी नीति में संशोधन पर चर्चा शुरू हो गई. तर्क ये था कि वैट सबसे आखिरी में टैक्स के रूप में लगाया जाता है और इसके एक्साइज ड्यूटी से पहले लगने के कारण राज्य को कम राजस्व मिल रहा है. यह स्थिति सरकार के लिए चिंताजनक थी, क्योंकि शराब से मिलने वाला राजस्व राज्य के कुल आय स्रोतों में महत्वपूर्ण हिस्सा रखता है. वित्त विभाग की आपत्तियों के बाद आबकारी विभाग ने अब संशोधित आदेश जारी करते हुए एक्साइज ड्यूटी पर भी 12 फीसदी की दर से वैट फिर से शामिल कर दिया है.
इस संशोधन का सीधा असर बाजार पर देखने को मिलेगा. शराब अब पहले से महंगी हो जाएगी. इस वृद्धि के बाद शराब की बिक्री पर भी असर संभव है. एक्साइज ड्यूटी पर वैट जोड़ने से राज्य की राजस्व प्राप्ति में बिक्री को लेकर स्पष्ट रूप से बढ़ोतरी होगी. यह कदम राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की दिशा में अहम साबित हो सकता है. हालांकि, नीति में हुए प्रारंभिक बदलाव के चलते राजस्व नुकसान की भरपाई या जिम्मेदारी पर कोई बात नहीं हो रही है.
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