देहरादून: गुजरात के अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश ने लोगों के मस्तिष्क और मन को झझकोर दिया है. एयर इंडिया का लंदन जा रहा विमान गुरुवार दोपहर को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस खौफनाक प्लेन क्रैश में अभी तक 265 लोगों की मौतों की पुष्टि हो चुकी है. इस हादसे से देशवासियों में भी दुख की लहर है. अहमदाबाद में हुई हवाई दुर्घटना ने सिर्फ स्थानीय लोगों को ही नहीं बल्कि उनको भी प्रभावित किया है जो इस खबर को टीवी ,सोशल मीडिया या अखबारों के माध्यम से देख रहे हैं.इस तरह के भयानक हादसे लोगों के मन और मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं.
दून मेडिकल कॉलेज की न्यूरो साइकोलॉजिस्ट डॉ सोना कौशल ने कहा बीते रोज एयरक्राफ्ट का एक बड़ा हादसा अहमदाबाद में हुआ. इस हादसे में प्लेन क्रैश हो गया. जिसमें कई लोगों की जान चली गई. अचानक हुई इस घटना को सुनकर लोग पूरी तरह से स्तब्ध रह गए, और सदमे में चले गए. आज टेक्निकल नॉलेज,AI के जमाने में इतना बड़ा हादसा होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा जब यह खबर हम अपनी आंखों से बार-बार टीवी और सोशल मीडिया पर देख रहे हैं, और चर्चाएं कर रहे हैं, उससे लोगों में मानसिक तनाव, डर , बेचैनी, इनसिक्योरिटी की फीलिंग आ रही है. इसको लेकर बहुत सारे लोगों ने नींद ना आने, बेचैनी और घबराहट जैसे लक्षणों को लेकर उनसे बातचीत भी की है.
इस दर्दनाक घटना में अपनी जान गंवाने लोगों के प्रति देशवासियों में शोक की लहर है, किंतु जो लोग बार-बार इस दर्दनाक घटना को याद कर रहे हैं, उनमें डर बेचैनी और डिप्रेशन जैसे लक्षण मिल रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे लोगों को अपनी सोच, अपनी भावनाओं और अपने डर को एड्रेस करके खत्म कर सकते हैं. अपने मन को शांत रख सकते हैं. उनका मानना है कि सेल्फ टॉक ही डर को मन और मस्तिष्क से निकालने का बेहतर समाधान है. लोग अपने भरोसे को ना तोड़ें, इस हाथ से से जुड़ी खबरों को टीवी और सोशल मीडिया में बार-बार नहीं देखें और ना ही इसकी चर्चा करें. इसके साथ ही अपना आत्मविश्वास बरकरार रखें.
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