Homeउत्तराखण्ड न्यूजपंचायत चुनाव के लिए कल नहीं होगा नामांकन, जानें कारण

पंचायत चुनाव के लिए कल नहीं होगा नामांकन, जानें कारण


देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति अभी भी बरकरार है. मामला कोर्ट में चल रहा है. सरकार की ओर से कोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर दिए गए स्टे को हटाने के लिए पूरी ताकत लगाई जा रही है. वहीं दूसरे पक्ष की तरफ से भी आरक्षण पर उठाए गए सवालों को पुरजोर तरीके से कोर्ट में रखा जा रहा है.

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर तमाम जद्दोजहद के बीच चुनाव हो पाएगा या नहीं? यह अभी तक क्लियर नहीं हो पाया है. लेकिन इतना तय है कि 25 जून को होने वाली नॉमिनेशन प्रक्रिया नहीं होगी.

दरअसल, उत्तराखंड निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के तहत 25 जून से पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी थी. जिसके लिए आयोग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई थी. लेकिन पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर दिए गए स्टे के बाद स्थिति स्पष्ट है कि 25 जून को होने वाली नॉमिनेशन की प्रक्रिया तो नहीं हो पाएगी.

आज कोर्ट में क्या हुआ: नैनीताल हाईकोर्ट में पंचायत चुनाव से संबंधित आरक्षण, चुनाव प्रक्रिया और नियमावली को लेकर तीन अलग-अलग मामले चल रहे थे. जिसमें एक सिंगल बेंच और दो डबल बेंच पर विचाराधीन हैं. इन्हीं में से एक मामले पर सुनवाई करते हुए 23 जून को हाईकोर्ट ने आरक्षण के गजट नोटिफिकेशन ना होने की वजह से चुनाव प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया था. जिस पर सरकार की तरफ से 14 जून को जारी हुए आरक्षण अधिसूचना के गजट नोटिफिकेशन की कॉपी आज 24 जून को सिंगल और डबल बेंच पर भी मेंशन की. वहीं कोर्ट द्वारा इन सभी मामलों को क्लब करके 25 जून दोपहर 2 बजे सुनवाई का समय तय किया है.

24 जून को कोर्ट में सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए स्टैंडिंग काउंसिल सीएस रावत ने बताया कि पंचायत चुनाव को लेकर कोर्ट में चल रहे तमाम मामलों पर सरकार की तरफ से अपना पक्ष मजबूती से रखा गया है. लेकिन 23 जून को कोर्ट ने आरक्षण अधिसूचना की गजट नोटिफिकेशन की कॉपी ना होने की वजह से स्टे लगा दिया था. जिसके बाद आज 24 जून को स्टे को बहाल करने के लिए सरकारी पक्ष की ओर से अपील की गई. लेकिन कोर्ट ने 25 जून दोहपर 2 बजे सभी मामलों को क्लब करके एक साथ डबल बेंच पर सुनने की बात कही है.

दूसरे पक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि गजट नोटिफिकेशन देने के बाद भी सरकार की मुश्किलें कम नहीं होंगी. क्योंकि आरक्षण की नियमावली पर कई गंभीर सवाल खड़े हैं. जिस पर स्टैंडिंग काउंसिल रावत ने कहा कि ओबीसी आरक्षण की बात हो या फिर आरक्षण को लेकर जारी की गई अधिसूचना की बात, सभी नियम सुप्रीम कोर्ट और संविधान के डायरेक्शन के आधार पर ही बनाए गए हैं. जिसमें की सरकारी पक्ष को पूरा कॉन्फिडेंस है कि वह कोर्ट को कन्विंस करने में सफल हो जाएंगे.

25 जून को नहीं होगा नॉमिनेशन: बता दें कि उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा शनिवार 21 जून को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई थी. इसी दिन से प्रदेश में आचार संहिता लग गई थी. लेकिन 23 जून को कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया था. अब मामले की सुनवाई 25 जून को दोपहर 2 बजे होगी. इससे साफ हो गया कि कोर्ट के फैसले का पहला असर 25 जून को होने वाले पंचायत चुनाव के नॉमिनेशन प्रक्रिया पर पड़ चुका है.

हालांकि, इस पूरे मामले पर राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार का कहना है कि लगातार वह भी नैनीताल हाईकोर्ट के संपर्क में हैं. अपने वकीलों से बातचीत कर रहे हैं और कोर्ट द्वारा दिए जा रहे हैं डायरेक्शन पर विधिक राय भी ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिस तरह से सरकार के पक्ष को सुनने का समय कोर्ट ने 25 जून दोपहर 2 बजे से रखा है, उससे साफ पता चलता है कि 25 जून से जो नॉमिनेशन प्रक्रिया होनी थी, वह नहीं हो पाएगी. हालांकि संबंध में वह विधिक राय लेने के बाद अधिकृत रूप से सूचना जारी करेंगे.

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