हरिद्वार: भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के किसानों का चार दिवसीय महाकुंभ आज 16 जून से हरिद्वार में लाल कोठी पर शुरू हो गया है. इससे पूर्व वीआईपी घाट पर मेरठ मंडल के किसानों की बैठक हुई. बैठक में देश भर से बड़ी संख्या में किसान नेता शामिल होने आए. किसान नेता राकेश टिकैत भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर विचार व्यक्त किए और मोदी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा.
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि इस बार उनके मुद्दे सरकार के 11 साल और हमारे 11 सवाल हैं. जिनमें एमएसपी की गारंटी को लागू करना, बिजली को प्राइवेट किये जाने का विरोध, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करना, दूध पालन किसान की समस्या, भूमिहीन होते किसान की समस्या, भाजपा सरकार की भूमि छीनने की पॉलिसी का स्पष्टीकरण, इंडस्ट्री के नाम पर, रोड के नाम पर, डेवलपमेंट के नाम पर किसानों की जमीन छीनकर व्यापारी को देने आदि मुद्दों पर विचार कर निर्णय किया जाएगा.
हरिद्वार किसान महाकुंभ में सरकार पर बरसे राकेश टिकैत (ETV Bharat)
बीजेपी सरकार पर साधा निशाना: वहीं मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल को राकेश टिकैत किस तरह से देखते हैं, इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि इस सरकार ने 11 साल में लूटने का प्लान बनाया है. इस सरकार ने छोटे व्यापारी और मजदूर-मिस्त्री को लूटने का काम किया है.
यहां (उत्तराखंड) पर गाड़ी 15 साल चलेगी, मुजफ्फरनगर में गाड़ी 10 साल चलेगी, दिल्ली में गाड़ी 5 साल चलेगी. यह कौन सा प्लान है? दिल्ली में 2020 का मॉडल अब नहीं चलेगा, ये सरकार ने कौन सा गणित लगाया है. क्या ये पूंजीवाद को बढ़ावा देना नहीं है?
-राकेश टिकैत, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)-
सरकार पर वादे पूरे नहीं करने का लगाया आरोप: वहीं राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने कुछ वादे किए थे, लेकिन वो आज तक पूरे नहीं हुए. ये पूंजीपतियों की सरकार है. सरकार ने लोगों को तो दूसरे धंधों में उलझा दिया और पीछे से उनका माल बेचने का काम कर रही है. पूरे देश में सरकार के खिलाफ इस वक्त माहौल बना हुआ है.
शुगर मिलों पर किसानों का बकाया: राकेश टिकैत ने आरोप है कि सरकार आर्थिक तौर पर आम आदमी को कमजोर करना चाहती है. इस तरह के तमाम मसलों पर जनता को ध्यान देना पड़ेगा. इकबालपुर शुगर मिल पर बीते सात-आठ सालों से हरियाणा के किसानों का करीब 50 करोड़ रुपए बकाया है. यूपी में भी कुछ शुगर मिलों पर किसानों का बकाया है.
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