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उत्तराखंड में भारी बारिश से मचा हाहाकर, खतरे के निशान के करीब पहुंची अलकनंदा, स्कूलों की छुट्टी के आदेश


देहरादून: उत्तराखंड में रविवार रात से हो रही बारिश के कारण नदियों का जल स्तर भी बढ़ गया है. श्रीनगर गढ़वाल में अलकनंदा नदी का जल स्तर भी खतरे के करीब पहुंच गया है. वहीं मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए टिहरी जिलाधिकारी ने कक्षा एक से 12वीं तक के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के निर्देश दिए है.

उत्तराखंड में बारिश ने हाहाकार मचा हुआ है. राजधानी देहरादून से लेकर पहाड़ और मैदान के तमाम जिलों में जोरदार बारिश हो रही है. भारी बारिश के कारण कई इलाकों में तो बाढ़ जैसे हालत बन गए है. अलकनंदा नदी के जलस्तर की बात की जाए वो 533.90 मीटर तक पहुंच गया था, जो चेतावनी के निशान से मात्र तीन मीटर नीचे है. श्रीनगर में अलकनंदा नदी का अलार्मिंग लेवल 535 मीटर है, जबकि खतरे का लेवल 536 मीटर है.

टिहरी में स्कूलों की छुट्टी के आदेश: अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. पुलिस की तरफ रात में अलाउसमेंट कर नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट होने के लिए कहा जा रहा है. वहीं भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए मंगलवार 22 जुलाई के लिए टिहरी जिलाधिकारी ने सभी निजी और सरकारी स्कूलों की छुट्टी के आदेश दिए है.

सीएम ने लिया था पूरा प्रदेश का जायजा: बता दें कि उत्तराखंड में रविवार रात से ही जोरदार बारिश हो रही थी, जिससे पूरे प्रदेश का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. इसीलिए सोमवार सुबह को सीएम पुष्कर सिंह धामी भी आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे. इस दौरान जहां उन्होंने पूरे प्रदेश का जायजा लिया तो वहीं प्रदेश के तमाम जिलाधिकारियों से उनके जिला का अपडेट दिया. इसके बाद सीएम धामी ने सभी अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे धरातल पर जाकर स्थितियों का जायजा लें. इससे न सिर्फ ग्राउंड जीरो पर कार्य कर रहे कार्मिकों का मनोबढ़ बढ़ता है, बल्कि लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ता है. उन्होंने प्रभावितों को त्वरित गति से राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिए. साथ ही सभी जनपदों में पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री का भंडारण सुनिश्चित करने को कहा.

आपदा कंट्रोल रूम से सीएम ने पूरे प्रदेश की जानकारी ली. (ETV Bharat)

इसके अलावा सीएम धामी ने साफ किया है कि यदि कोई मार्ग बारिश के कारण संवेदनशील बना हुआ है तो वैकल्पिक मार्गों से यातायात संचालन किया जाए यदि खतरा महसूस हो तो वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए. वहीं नदियों से जल स्तर पर भी लगातार नजर रखी जाए.

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