हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में दो विभागों के बीच बनी असमंजस की स्थिति क्या अब साफ हो गई है. बीते कुछ दिनों से हरिद्वार में औद्योगिक नक्शा पास करने को लेकर हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण और सीडा यानी राज्य औद्योगिक निकाय प्राधिकरण के बीच एक विवाद पैदा हो रहा था. ये विवाद और तब बढ़ा जब चार्ज लेने के बाद जिला अधिकारी मयूर दीक्षित ने HRDA के अधिकारियों से ये कह दिया कि औद्योगिक क्षेत्र में HRDA किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा.
आज देहरादून देहरादून गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे के साथ हुई बैठक बहुत सी चीजें साफ हो गई हैं.डीएम की बैठक के बाद शुरू हुई थी चर्चा बीते कुछ दिनों से हरिद्वार में औद्योगिक नक्शा पास कौन करेगा? इसको लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी. आलम यह था कि सीडा और HRDA के भी पत्रचार भी होने लगे थे. इसके लिए बाकायदा 9 मई को हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के द्वारा सचिव औद्योगिक विकास विभाग को एक पत्र भी लिखा गया. जिसमें यह कहा गया था कि हरिद्वार में विकास प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत जिन जमीनों या औद्योगिक इकाइयों में नक्शा पास करने की स्वीकृति विकास प्राधिकरण के अधीन आती है. उसमें यह देखा जा रहा है कि सीधे तौर पर सीडा नक्शे पास कर रहा है.
बैठक के बाद साफ़ हुई तश्वीर: आज देहरादून में हुई बैठक के बाद दोनों ही विभागों के बीच कई चीजों को साफ कर दिया गया है. पहले यह जान लेते हैं कि आखिरकार दोनों विभाग अगर एक ही काम कर रहे हैं तो नुकसान और फायदा क्या हो रहा है? सीडा अधिसूचित क्षेत्रों में नक्शा पास करने के लिए अधिकृत है. सीडा 20 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से शुल्क वसूल करता है. एचआरडीए जांच के साथ ही निर्धारित शुल्क 200 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से वसूल करता है. कई मामलो में ये बात सामने आई की सीड़ा कार्यक्षेत्र से बहार नक्सा पास कर रहा था. इसे रेवन्यू का भी नुकसान हो रहा था.
क्या बोले सीडा के अधिकारी: वाईएस पुंडीर नियोजन प्लानिंग सीडा कहते हैं कि कुछ भ्रम था लेकिन आज की बैठक में साफ़ हो गया है की हरिद्वार का मास्टर प्लान बना हुआ है. नोटिफिकेशन के अनुसार मास्टर प्लान के अंदर जो चिन्हित पुराने औद्योगिक क्षेत्र हैं और भगवानपुर के औद्योगिक क्षेत्र हैं वहां पर सीडा ही नक्शे पास करेगा. नए और प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में प्राधिकरण नक्शे पास करेगा.
क्या बोले वीसी HRDA: वहीं आज की बैठक के बाद हरिद्वार विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने कहा बैठक में आज ये बात साफ़ हो गई है की सीडा अपने क्षेत्र के बाहर कार्य नहीं करेगा. अब तक जो नक्शे एचआरडीए के क्षेत्र में सीडा ने स्वीकृत कर दिए हैं वह निरस्त होंगे या फिर एचआरडीए अपने मानकों पर नियमानुसार स्वीकृति देगा. इसके साथ ही सीडा के लिए अधिसूचित क्षेत्र में भवन नक्शे पास करके संपूर्ण शुल्क में 90 प्रतिशत धनराशि विकास प्राधिकरण को देने के प्रावधान है. इसी धनराशि से विकास प्राधिकरण औद्योगिक इकाइयों में मूलभूत सुविधाओं का विकास करता है. विकास प्राधिकरण की मानें तो सीडा ने अभी तक काई धनराशि नहीं दी है. सीडा की ओर से जिले के विभिन्न ब्लॉक क्षेत्रों में जहां पर नक्शे पास करके औद्योगिक इकाइयों को स्थापित किया गया है. वहां पर आबादी की बसावट का भी ध्यान नहीं रखा गया. कई जगहों पर तो सड़कों का भी सही इंतजाम नहीं किया गया है. कई बार संबंधित क्षेत्रों से जुड़े ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति भी जताई है. हाल ही में इब्राहिमपुर में आबादी के किनारे एक फैक्ट्री में आग लगी. इसमें जिंदा तीन लोग जलकर मर गए थे. वहीं आबादी क्षेत्र पर पूरी रात खतरा बना हुआ था. इब्राहिमपुर में जिस केमिकल फैक्ट्री में आग लगी. वहां पर जाने के लिए मार्ग भी दुरुस्त नहीं है.
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