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देहरादून में युवती और रिटायर्ड इंश्योरेंस अधिकारी से धोखाधड़ी, बड़ा मुनाफा का लालच देकर ठगे ₹50 लाख


देहरादून: निजी इंश्योरेंस कंपनी से रिटायर्ड अधिकारी और पढ़ने वाली युवती को साइबर ठगों ने मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर लाखों रुपए ठग लिए. साइबर ठगों ने रिटायर्ड अधिकारी से 23 लाख 65 हजार रुपए और युवती से 27 लाख 38 हजार 500 की ठगी की. साइबर ठगों ने रिटायर्ड अधिकारी को शेयर में निवेश कर अधिक रुपए कमाने का झांसा दिया. जबकि युवती को घर बैठे रुपए कमाने का लालच दिया गया. साइबर थाना पुलिस ने दोनों घटनाओं में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

ऐसे शुरू हुआ सिलसिला: पहले मामले में पंडितवाड़ी निवासी युवती ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि 16 जुलाई को व्हाट्सएप पर एक मैसेज मिला. मैसेज भेजने वाली ने अपना नाम माया शर्मा बताया और घर बैठे रुपए कमाने की बात कही. पीड़िता के हामी भरने पर उसे एक टेलीग्राम एप से जोड़कर पार्थवी नाम की लड़की से संपर्क करने के लिए कहा गया. उसके बाद टेलीग्राम से जुड़ने के बाद उन्हें ‘डिजिटल ट्रेड डेटा ऑपरेशन’ नाम के टेलीग्राम पेज से जोड़ा गया. उस पेज में कई लोग थे, जिसमें कुछ यू-ट्यूब चैनल की सदस्यता लेना और लाइक करने का काम था.

पीड़िता ने भी सदस्यता लेकर लाइक किया तो उन्हें शुरुआत में रुपए मिले. उसके बाद पीड़िता को अन्य कार्य करने के लिए कहा गया. पीड़िता को एक नोटरी दी गई. जिसमें कंपनी की डिटेल और भुगतान चुकाने के संबंध में एक वचन पत्र था. उसके बाद रुपए कमाने के लिए उन्हें निवेश करने के लिए कहा गया. पीड़िता ने कंपनी द्वारा बताए अलग-अलग बैंक खाते में एक हजार, तीन हजार और पंद्रह सौ रुपए शुरुआत में निवेश किए. जिसके बदले उसे कुछ बढ़ी हुई रकम प्राप्त हुई. इसके बाद 18 जुलाई को पीड़िता ने 34 हजार, 50 हजार, 49 हजार और 3 लाख रुपए (कुल 4 लाख 33 हजार) निवेश किए. 19 जुलाई को 7 लाख और 8 लाख रुपए (कुल 15 लाख) की राशि निवेश की.

27 लाख से अधिक की ठगी: इस तरह पीड़िता ने अलग-अलग दिन राशि निवेश करते हुए कुल 27 लाख 38 हजार 500 रुपए का निवेश किया. इतने निवेश के बाद कंपनी के लोगों ने उन्हें वापस भुगतान करने से इनकार कर दिया. पीड़िता ने जब अपने परिचितों से जानकारी ली तो पता चला कि पीड़िता के साथ ठगी हो गई. पीड़िता की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

रिटायर्ड इंश्योरेंस अधिकारी से ठगी: वहीं दूसरे मामले में चमन विहार निवासी व्यक्ति ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई कि 26 जून को फेसबुक विज्ञापन द्वारा 360 वन डब्ल्यूएम नामक लिमिटेड कंपनी से ऑनलाइन संपर्क हुआ, जो धन और परिसंपत्ति प्रबंधन का कार्य करती है. उनके द्वारा जांच करने पर पता चला कि यह कंपनी भारतीय प्रतिभूति नियामक आयोग (सेबी) में पंजीकृत है. पेज में कंपनी के प्रवर्तक और प्रबंध निदेशक का नाम प्रोफेसर करन भगत दर्ज था.

पीड़ित ने गूगल पर कंपनी की पूरी जांच कर उसकी सदस्यता ले ली. उसके बाद उन्हें कंपनी के व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ दिया गया. ग्रुप का संचालन आरोही पटेल नाम की महिला द्वारा किया जा रहा था. ग्रुप में उन्हें निवेश के अलग-अलग ऑफर और आकर्षक लाभों की जानकारी मिलने लगी. 4 जुलाई को पीड़ित ने एक लाख रुपए जमा कर कंपनी के शेयर खरीदे तो कंपनी के एप पर अधिक मुनाफा दिखने लगा. 10 जुलाई को 2 लाख और 13 जुलाई को 5 लाख और 14 जुलाई को 1 लाख रुपए (कुल 9 लाख) निवेश किए तो उनके शेयरों की कीमत 15 लाख 15 हजार रुपए दिखने लगी.

23 लाख से अधिक की ठगी: जब पीड़ित ने मुनाफा निकालना चाहा तो कंपनी ने 14 लाख 65 हजार रुपए निवेश करने के लिए कहा. 17 जुलाई को पीड़ित ने 14 लाख 65 हजार रुपए फिर से निवेश किए. जिसके बाद पेज पर उन्हें 56 लाख 78 हजार रुपए का मुनाफा दिखने लगा. उसके बाद 18 जुलाई को जब पीड़ित ने 25 लाख रुपए निकालने चाहे तो उनके अनुरोध को निरस्त कर और रुपए निवेश करने के लिए कहा गया. तब उन्हें अपने साथ साइबर ठगी होने का एहसास हुआ. हालांकि तब तक पीड़ित के साथ कुल 23 लाख 65 हजार रुपए की धोखाधड़ी हो चुकी थी. पीड़ित की तहरीर के आधार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

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