देहरादून (नवीन उनियाल): कांग्रेस के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद हरक सिंह रावत षड्यंत्रकारियों के खिलाफ गरजने लगे हैं. हरक सिंह ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी का उपयोग करते हुए उनके खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र किया गया है. वह ईडी को चुनौती देते हैं कि वह इस पर उन्हें गलत साबित करके दिखाएं. ऐसा हुआ तो वह राजनीतिक संन्यास ले लेंगे, नहीं तो वह षड्यंत्रकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे.
उत्तराखंड की राजनीति में अक्सर तमाम मामलों को लेकर चर्चा में रहने वाले दिग्गज कांग्रेसी नेता हरक सिंह रावत आज विरोधियों पर जमकर बरसे. ईटीवी भारत से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र किया जा रहा है, जिसका जवाब वह न्यायालय में देंगे. हरक सिंह रावत ने कहा कि वह खुश हैं, क्योंकि आखिरकार एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. अब इस केंद्रीय एजेंसी के हाथ से बात निकलकर कोर्ट में पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है और वह न्याय की लड़ाई को जीतेंगे.
ED आरोप तय कर पाई तो ले लूंगा राजनीति से संन्यास- हरक सिंह (VIDEO- ETV Bharat)
दोष साबित हुआ तो राजनीति से ले लेंगे संन्यास: हरक सिंह रावत ने देहरादून के सहसपुर में जमीन खरीद मामले पर बोलते हुए कहा कि उन्होंने यह जमीन 2002 में सुशीला रानी से खरीदी थी. जिनके नाम यह जमीन 1962 से है. ऐसे में जब यह मामला कोर्ट में पहुंचेगा तो प्रवर्तन निदेशालय के वकील के पास इस मामले को लेकर कोई जवाब नहीं बन पाएगा और वह जानते हैं कि उनके पास इस जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज हैं. लेकिन केवल राजनीतिक आकाओं के इशारे पर केंद्रीय एजेंसी उन्हें फंसाने का प्रयास कर रही है. हरक सिंह रावत ताल ठोकते हुए कहते हैं कि यदि उन पर इस मामले में दोष साबित होता है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे.
षड्यंत्रकारियों पर करेंगे कानूनी कार्रवाई: हरक सिंह रावत ने कहा कि वह इस मामले को न्यायालय में पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे और जब वह न्यायालय से दोष मुक्त हो जाएंगे, तब वह मानहानि के रूप में षड्यंत्रकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे. हरक सिंह रावत इस मामले को लेकर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के अधिकारियों पर भी जमकर बरसे.
दो सरकार करवा चुकी है मामले में जांच: हरक सिंह रावत द्वारा 107 बीघा जमीन खरीदने के इस मामले की जांच उत्तराखंड की दो सरकारें भी करवा चुकी हैं. पहली बार इसकी जांच भाजपा सरकार में हुई थी, तब मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक थे और उन्होंने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे. हालांकि, तब इस पर कुछ निकल कर सामने नहीं आ पाया था. हरक सिंह रावत की जमीन खरीद का यह मामला दोबारा तब आया जब उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का हाथ थामा और उस दौरान हरीश रावत सरकार ने उनके इस मामले की जांच करवाई. हालांकि, तब भी कुछ निकलकर सामने नहीं आ पाया था.
कॉर्बेट प्रकरण में सीबीआई और ईडी कर रही है जांच: हरक सिंह रावत तक हाल ही में केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और ईडी, कॉर्बेट प्रकरण को लेकर पहुंची थी. लेकिन एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की टीम इसके बाद उनकी सहसपुर जमीन की भी जांच करने लगी. जिसके लिए उन्हें पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय भी बुलाया जा चुका है. कॉर्बेट में अवैध पेड़ कटान और अवैध रूप से निर्माण मामले का प्रकरण न्यायालय में चल रहा है.
भाजपा पर भी हरक सिंह ने साधा निशाना: हरक सिंह रावत ने भारतीय जनता पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि वैसे तो उनकी शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से हुई है और वह इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए. जबकि फिर उन्होंने भाजपा का दामन थामा था. लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी अपने मौलिक सिद्धांतों को भूल चुकी है. इसलिए उन्हें इस बात का बिल्कुल भी पछतावा नहीं कि उन्होंने भाजपा को छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा आज राजनीतिक प्रतिद्वंदता में केंद्रीय एजेंसियों की मदद ले रही है.
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