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हरीश रावत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को बिहार चुनाव से जोड़ा, कही ये बातें


देहरादून: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक अपने पद से दिए इस्तीफे से हड़कंप मचा हुआ है. मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाते हुए कहा कि देश को यह जानने का अधिकार है, कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा क्यों दिया? इस मुद्दे के सियासी रंग लेने के बाद तमाम पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस के धाकड़ नेता हरीश रावत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि उपराष्ट्रपति का अचानक इस्तीफा और समय का चुनाव दोनों ही बहुत कुछ कहते हैं. उनके इस्तीफे के पीछे का कारण बहुत गहरा है, इसे केवल प्रधानमंत्री या उपराष्ट्रपति ही समझा सकते हैं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर क्या बोले हरीश रावत: पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि ‘मुझे आश्चर्य है कि यह एक बिल्कुल सेट प्लेटफॉर्म जैसा लगता है. क्योंकि, आप दिन भर सक्रिय रहते हैं, इसलिए आपका कार्यक्रम दो-तीन दिनों के लिए तय होता है. शाम 7:30 बजे तक आप विपक्षी नेताओं से बात कर रहे होते हैं और रात 9 बजे तक आपके इस्तीफे की खबर आ जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से बेहतर कौन समझ सकता था कि संसद सत्र के पहले दिन, वो भी जब प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा की तारीख नजदीक आ रही है, आप इस्तीफा दे रहे हैं?अचानक इस्तीफे ने न केवल चौंका दिया है, बल्कि गहरी बात लगती है. इसके ठीक बाद कुछ नाम भी चलने लगे हैं. ज्यादातर नाम ऐसे हैं, जो बिहार के चुनाव को प्रभावित करते हैं.’

हरीश रावत का कहना है कि ‘कहा जा रहा कि बिहार में बीजेपी का गठबंधन एक व्यक्ति विशेष की वजह से असहज हो रहा है. उसे संभालने के लिए ये संकेत जगदीप धनखड़ को दिया गया. क्योंकि, उनके इस्तीफे की स्टाइल वही है, जिस स्टाइल में संदेश आता है और बीजेपी में इस्तीफा दिया जाता है.

नैनीताल में भी बिगड़ी थी तबीयत: बता दें कि आज से ठीक एक महीने पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नैनीताल के तीन दिवसीय दौरे पर आए थे. जहां कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में उनकी तबीयत खराब हो गई थी. जिस पर उन्हें नैनीताल राजभवन ले जाया गया.

अब स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर दिया इस्तीफा: जहां डॉक्टरों ने उनका उपचार किया और डिहाइड्रेशन के कारण स्वास्थ्य बिगड़ने की बात कही. अब जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. जगदीप धनखड़ का एडवोकेट से उपराष्ट्रपति तक का सफर रहा है. वे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

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