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पीडब्लूडी संविदा जेई कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, हाईकोर्ट ने निस्तारित की याचिका


नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग में वर्षों से कार्यरत संविदा जेई करीब 250 कर्मचारियों की विशेष अपीलों व याचिकाओं पर एक साथ आज सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ती आलोक महरा की खण्डपीठ ने सभी संविदा जेईयों के मामले को अंतिम रूप से निस्तारित कर दी है.

कोर्ट ने संविदा जेईयों से कहा है कि वे कब से विभाग में कार्यरत हैं? उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है? प्रत्येक उसका एक प्रत्यावेदन बनाकर 30 जून से पहले सचिव लोकनिर्माण को दें. कोर्ट ने सचिव लोक निर्माण से कहा है कि वे प्रत्येक के प्रत्यावेदनों पर जांच करके निर्णय लें. साथ मे कोर्ट ने सचिव से यह भी कहा है कि वर्तमान में विभाग में इनके जितने पद रिक्त हैं वे छः माह के भीतर वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति प्रदान करें.

कोर्ट ने कहा कि जितने समय इनको कार्य करने से अवमुक्त किया है वह इनकी सर्विस में न जोड़ा जाये. मामले में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार व राज्य लोक सेवा आयोग की तरफ से इसका विरोध दर्ज किया गया. उन्होंने कहा जो रिक्त पद थे उनकी भरपाई के लिए सरकार ने विज्ञप्ति जारी कर दी है. आयोग ने इसमें भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है.

मामले के अनुसार विभाग में संविदा के जेई अमित गौड़ सहित करीब 249 कर्मचारियों के द्वारा एकल पीठ के उस आदेश को चुनोती दी गयी जिसमें एकलपीठ ने कहा था कि इनको वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति दी जाये. इस आदेश का दुष्परिणाम यह हुआ कि बाद में लगे कर्मचारी सेवा से बाहर हो गए. जब वे बाहर हुए तब राज्य सरकार ने स्थायी पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति भी जारी कर दी. इस आदेश के आधार पर जो जूनियर थे जिनकी सर्विस कम थी वे सर्विस से बाहर हो गए. सभी याचिकाओं में कोर्ट से प्रार्थना की है कि वरिष्ठता के अनुसार उन्हें नियमित किया जाये.

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