पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधते पर्यावरणविद (Photo- ETV Bharat)
उत्तरकाशी: हिमालय हैं तो हम हैं अध्ययन यात्रा, देवदार पूजन अभियान के तहत पर्यावरणविदों की एक टीम गंगोत्री धाम के समीप भैरो घाटी पहुंची. वहां पर उन्होंने देवदार के पेड़ों पर रक्षासूत्र बांधे. इसके साथ ही कहा कि यह वृक्ष हिमालय की धरोहर हैं. इसलिए अगर यह नष्ट हो जाएंगे, तो इससे हिमालय के अस्तित्व को भी बड़ा खतरा हो सकता है.
देवदार के पेड़ों पर बांधे रक्षा सूत्र: हिमालय हैं तो हम हैं अध्ययन यात्रा के तहत पर्यावरणविदों ने भैरोघाटी में पहुंचकर वहां पर देवदार के पेड़ों की पूजा की. उसके बाद लंका सहित भैरो घाटी में सभी पेड़ों पर रक्षासूत्र बांधकर उनके सरंक्षण का आह्वान किया. पर्यावरणविदों ने कहा कि विकास के नाम पर हम अपनी प्रकृति का दोहन कर रहे हैं. यही कारण है कि आज हम बड़ी आपदाओं से जूझ रहे हैं.

गंगोत्री नेशनल हाईवे चौड़ीकरण की जद में आ रहे हैं देवदार के पेड़ (Photo- ETV Bharat)
पेड़ बचाने का आह्वान: देवदार और थुनेर आदि के पेड़ हिमालय के प्रहरी हैं. विकास के नाम पर अगर इनको काटा जाएगा, तो इससे हमारे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा. लोगों ने कहा कि यह क्षेत्र दुर्लभ वन्य जीवों का घर भी है. इसलिए वन ही नहीं रहेंगे, तो हमारे पारिस्थितिक तंत्र पर बुरा असर पड़ेगा. उन्होंने स्थानीय लोगों से भी आह्वान किया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आकर आपदाओं से बचा जाए. इस मौके पर सुरेश भाई, आयूष जोशी, गोपाल आर्या, पूरण रावत, हेमंत ध्यानी, कल्पना ठाकुर आदि मौजूद रहे.

भैरोघाटी में पहुंचकर वहां पर देवदार के पेड़ों की पूजा की (Photo- ETV Bharat)
पर्यावरणविद और ग्रामीण आए आमने-सामने: गंगोत्री हाईवे चौड़ीकरण की जद में आ रहे देवदार के पेड़ों को लेकर पर्यावरणविद व धराली के ग्रामीण आमने-सामने आ गए हैं. बीते रविवार को पर्यावरणविदों व हितधारकों ने झाला से भैरोंघाटी के बीच पेड़ों की रक्षा के लिए उन पर रक्षा सूत्र बांधे थे. वहीं, गत रविवार को पर्यावरण विदों के विरुद्ध प्रदर्शन करने के बाद सोमवार को दोबारा धराली के ग्रामीणों ने पर्यावरणविदों के विरुद्ध नारेबाजी कर उनका पुतला फूंका. इस दौरान पर्यावरणविदों पर निजी फायदे के लिए पर्यावरण को आधार बनाकर विकास कार्य में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया.

पर्यावरण प्रेमियों ने देवदार के पेड़ बचाने की अपील की (Photo- ETV Bharat)
ग्रामीणों ने गंगोत्री हाईवे चौड़ीकरण का समर्थन किया: सोमवार को बड़ी संख्या में एकत्रित धराली के ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट से भटवाड़ी रोड तक जुलूस प्रदर्शन किया. धराली आपदा संघर्ष समिति के अध्यक्ष सचेंद्र पंवार ने कहा कि दिल्ली में बैठे कुछ चंद लोग अपने निजी फायदे के लिए गंगोत्री हाईवे के चौड़ीकरण का विरोध कर रहे हैं. इन लोगों के द्वारा यह प्रचारित किया जा रहा है कि झाला से भैरोंघाटी तक सात हजार देवदार के पेड़ कटान की जद में आ रहे हैं. जबकि वन विभाग व बीआरओ के सर्वे में मात्र 3500 पेड़ों का ही आकलन किया गया है. इसमें भी ज्यादातर उनके सेब, अखरोट व चीड़ आदि प्रजाति के पेड़ शामिल हैं.

ग्रामीणों ने पर्यावरणविदों का विरोध किया (Photo- ETV Bharat)
ग्रामीणों ने चौड़ीकरण में बाधा नहीं डालने को कहा: ग्रामीणों ने कहा कि बीआरओ ने हाईवे चौड़ीकरण की चौड़ाई 12 से 11 मीटर कर दी है. बावजूद इसके कुछ पर्यावरणविद चारधाम व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गंगोत्री हाईवे के चौड़ीकरण कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. एक ओर जहां चीन अपनी सीमा तक रेलवे लाइन की तैयारी कर रहा है, वहीं हम अपनी सीमा तक अच्छी सड़क भी नहीं बना पाये हैं. प्रदर्शन करने वालों क्षेत्र पंचायत सदस्य ममता पंवार, सुशील पंवार, संजय पंवार, जय भगवान सिंह पंवार, खुशहाल सिंह, साश्वत आदि रहे.
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