हैदराबाद: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इस्तीफा देने की वजह को स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक लेटर भी लिखा. इसमें उन्होंने उनका आभार जताया. मॉनसून सत्र 2025 के पहले ही दिन यह हुआ है. ऐसे में यह जानना जरूरी होगा कि अब राज्यसभा का सभापति कौन बनेगा और सदन की कार्यवाही कैसे चलेगी. इसके साथ-साथ यह भी जानना आवश्यक है कि भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है. इसके लिए संविधान में क्या नियम हैं.
देश में उपराष्ट्रपति का ऐसे होता है चुनाव
बता दें, उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा सांसद ही भाग लेते हैं. इसके अलावा जो मनोनीत सदस्य होते हैं वे भी वोटिंग करते हैं. जबकि राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा सांसद के अलाव सभी राज्यों के विधानसभा के विधायक भी शामिल होते हैं.
ऐसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव (ETV Bharat)
उपराष्ट्रपति पद के लिए ये होनी चाहिए योग्यताएं
सबसे पहले वह भारत का नागरिक हो.
उसकी उम्र 35 साल से ज्यादा होनी चाहिए.
राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की सारी योग्यताएं भी रखता हो.
उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाले शख्स को जमानत राशि के तौर पर 15 हजार रुपये भी जमा करने होते हैं. चुनाव हारने पर या मिनिमम वोट ना मिलने की दशा में यह राशि वापस नहीं मिलती.

ऐसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव (ETV Bharat)
जानिए क्या है चुनावी प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसद प्रस्तावक और इतने ही सांसदों का समर्थन दिखाना होता है.
वह शख्स किसी भी सदन का सदस्य ना हो.
अगर वह सदन का सदस्य है तो उसे इस्तीफा देना होता है.
अब जानते हैं कैसे होता है मतदान
उपराष्ट्रपति के चुनाव में दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सांसद शामिल होते हैं. इनमें राज्यसभा के 245 सदस्य और लोकसभा के 543 सांसद हिस्सा लेते हैं. राज्यसभा में 12 मनोनीत सदस्य भी वोटिंग में शामिल होते हैं. आपको बता दें, उपराष्ट्रपति का चुनाव खास तरह का होता है. इसमें आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति लागू होती है. इसको प्रपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन सिस्टम भी कहते हैं. वोटिंग के समय हर किसी को सिर्फ एक ही वोट देना होता है, लेकिन वह अपनी पसंद को प्राथमिकता देना होता है. बैलेट पेपर पर अपनी पहली पसंद को 1 नंबर, उसके बाद 2 नंबर इसी तरह प्राथमिकता तय करनी होती है.

ऐसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव (ETV Bharat)
कैसे होती है वोटों की गिनती
उपराष्ट्रपति चुनाव का अलग सिस्टम होता है. इसमें कोटा तय होता है. जानकारी के मुताबिक जितने भी सदस्य वोट डालते हैं, उनकी संख्या को दो से भाग देते हैं. उसके बाद उसमें 1 जोड़ देते हैं. मान लीजिए उपराष्ट्रपति चुनाव के समय 798 सांसदों ने वोटिंग की. इसको 2 से भाग दे दीजिए. भाग देने पर आया 399. अब इसमें 1 जोड़ने पर 400 आएगा. बता दें, किसी को भी चुनाव जीतने के लिए 394 वोट पाना जरूरी होता है. मतदान के बाद वोटों की गिनती होती है. इसमें देखा जाता है कि पहली पसंद के उम्मीदवार को कितने वोट मिले. अगर उसे निर्धारित वोटों के बराबर या ज्यादा वोट हासिल होते हैं तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है.

ऐसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव (ETV Bharat)
अगर रिजल्ट नहीं निकल पाता तो इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है. फिर सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को चुनाव की रेस से बाहर कर दिया जाता है. लेकिन उसे पहली प्राथमिकता देने वाले वोटों में यह देखा जाता है कि वोटिंग में दूसरी प्राथमिकता किसे दी गई है. इसके बाद दूसरी प्राथमिकता वाले इन वोटों को दूसरे उम्मीदवारों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है. इन वोटों के ट्रांसफर करने के बाद अगर किसी उम्मीदवार के वोट कोटे वाली संख्या के बराबर या उससे अधिक हो जाते हैं तो उस उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया जाता है. यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक किसी एक उम्मीदवार को कोटे के बराबर वोट हासिल ना हो जाए.
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