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उत्तराखंड की जमीन का इस्तेमाल कर रहे नशा तस्कर, पिथौरागढ़ और गुप्तकाशी में NCB पकड़ चुकी महंगी ड्रग्स


किरनकांत शर्मा, देहरादून: उत्तराखंड में सरकार भले ही नशा मुक्ति अभियान चला रही हो, लेकिन नशा तस्कर सरकार के इस अभियान को आए दिन चोट पहुंचा रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि बड़े नशा तस्करों के कमर को तोड़ने के लिए एनसीबी की टीम को उत्तराखंड में जगह-जगह छापेमारी करनी पड़ रही है. इतना ही नहीं महाराष्ट्र पुलिस ने भी पिथौरागढ़ में नशे के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है.

महाराष्ट्र पुलिस ने उत्तराखंड में मारा छापा: पहला मामला भारत-नेपाल बॉर्डर से जुड़ा हुआ है. जहां पर महाराष्ट्र की थाणे क्राइम ब्रांच ने अपने पूरे दलबल के साथ छापेमारी की. यहां से पुलिस ने कई तरह के नशे के कारोबार में शामिल रसायन को बरामद किया है. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के नशा तस्करों ने पिथौरागढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र में एक फॉर्म में बकायदा एक नशे की पूरी की पूरी फैक्ट्री चलाई थी. जिसकी किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई.

यह मामला तब खुला, जब महाराष्ट्र पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपियों में जय गोविंद उत्तराखंड का रहने वाला है. भीम यादव महाराष्ट्र का निवासी बताया जा रहा है और अमर कुमार कोहली भी उत्तराखंड का निवासी है, इन तीनों को गिरफ्तार करने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने पूछताछ की. पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी नशे की खेप पिथौरागढ़ की सीमावर्ती इलाके में तैयार कर रहे थे.

उत्तराखंड पुलिस ने क्या कहा? महाराष्ट्र पुलिस ने बीती 27 जून को पिथौरागढ़ के एक निर्माणाधीन फैक्ट्री में छापेमारी की थी. जहां से करीब 18 लाख रुपए से ज्यादा कीमत के ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल रसायन और कुछ उपकरण भी बरामद किए. जबकि, 28 जून को स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर महाराष्ट्र पुलिस ने फरार चल रहे एक और आरोपी को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की.

महाराष्ट्र पुलिस की गिरफ्त में आए सभी आरोपियों ने इस बात को भी कबूला है कि पहले वो तीनों मेफेड्रोन नामक नशा यूपी में बना रहे थे. इधर, कुमाऊं रीजन की आईजी रिद्धिम अग्रवाल का कहना है कि महाराष्ट्र पुलिस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से नेपाल और भारत सीमा पर स्थित एक गांव में छापेमारी करके कुछ उपकरण और रसायन बरामद किए हैं. फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर उत्तराखंड पुलिस भी अपने स्तर पर जांच कर रही है.

उत्तराखंड का हो रहा इस्तेमाल: उत्तराखंड में इतने बड़े पैमाने पर नशे की फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद यह साफ है कि नशे के सौदागर उत्तराखंड के गांव को भी नहीं बख्श रहे हैं. आए दिन उत्तराखंड के कई जिलों में इस तरह छापेमारी करके नशे के खिलाफ एनसीबी और अन्य एजेंसियां अभियान चला रही हैं.

केदारनाथ मार्ग पर पकड़ा गया महंगा ड्रग्स: इसी तरह का ऐसा ही एक और मामला केदारनाथ के गुप्तकाशी थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां से भी एनसीबी ने महाराष्ट्र के रहने वाले शशिकांत को 0.26 ग्राम ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया है. जो ड्रग्स पकड़ा गया है, उसको एलएसजी कहा जाता है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत काफी ज्यादा है.

“एनसीबी की टीम ने हाल ही में छापेमारी कर महाराष्ट्र के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. अभी तक यह बात प्रकाश में नहीं आई है कि यह ड्रग्स यहां पर सप्लाई के लिए लाई गई थी या बेचने के लिए. शुरुआती जांच में ऐसा संभव हो सकता है कि अपने पर्सनल इस्तेमाल के लिए इसको मंगवाया गया हो. फिलहाल, पकड़े गए आरोपी को स्थानीय पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दिया है.”– अक्षय प्रह्लाद कोंड़े, एसपी, रुद्रप्रयाग

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