पौड़ी: जिला अस्पताल पौड़ी अब धीरे-धीरे अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करते हुए पटरी पर लौट रहा है. सरकारी व्यवस्था के अधीन आने के बाद चिकित्सकों की नियुक्ति के साथ ही मरीजों को पहले की अपेक्षा बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. पहले जहां दूरबीन (एंडोस्कोपी) जैसी महत्वपूर्ण सुविधा के अभाव में मरीजों को देहरादून या ऋषिकेश जैसे मैदानी क्षेत्रों का रुख करना पड़ता था, वहीं अब आंख, नाक और कान संबंधी बीमारियों की जांच एवं उपचार के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की सुविधा अस्पताल में शुरू कर दी गई है. जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है.
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों के अनुसार, जिला अस्पताल पौड़ी को सुदृढ़ और सुव्यवस्थित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से अस्पताल की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव संसाधन जुटाए जा रहे हैं, ताकि आमजन को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सके.
जिला अस्पताल पौड़ी में ईएनटी (कान, नाक, गला) विभाग में दूरबीन (वीडियो एंडोस्कोपी) जांच की सुविधा शुरू कर दी गई है. जिससे मरीजों को बीमारी की झलक स्क्रीन पर दिखाई जा रही है. इस तकनीक की मदद से अब डॉक्टर न केवल कान के पर्दे, नाक के अंदरूनी भागों और गले की आवाज वाली तंतुओं की जांच सटीक रूप से कर पा रहे हैं, बल्कि मरीजों को भी यह सब लाइव स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है. इससे मरीजों को अपनी बीमारी को समझने और इलाज में विश्वास बनाने में मदद मिल रही है.
ईएनटी विभाग के सर्जन डॉ डॉ सोनाली जोशी और अश्वनी चौहान ने बताया कि इस उपकरण की सहायता से कान के पर्दे की स्थिति, संक्रमण, पस, फंगल संक्रमण, नाक में रुकावट या मांस का उभार (पोलिप्स), गले की सूजन या वोकल कॉर्ड्स में आई गड़बड़ी की भी जांच की जा सकती है. साथ ही कान और नाक की सफाई भी इसी दूरबीन की निगरानी में की जा रही है, जिससे सफाई पूरी तरह सुरक्षित और सटीक हो रही है.
डॉक्टरों का कहना है कि यह सुविधा पहले केवल बड़े मेडिकल कॉलेजों या प्राइवेट अस्पतालों में ही उपलब्ध थी, लेकिन अब जिला अस्पताल में भी मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है. इस तकनीक से गले की आवाज में बदलाव, बोलने में कठिनाई, या किसी गांठ जैसी गंभीर बीमारियों का भी प्रारंभिक जांच में पता लगाया जा सकता है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस सुविधा से ग्रामीण और दूरदराज से आने वाले मरीजों को अत्यधिक लाभ होगा और उन्हें बाहर बड़े अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
पढ़ें-ऋषिकेश सरकारी हॉस्पिटल का CMO ने किया निरीक्षण, व्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी, जानिये वजह