हैदराबाद: अमेरिका के व्यापारी और दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) की इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी स्टारलिंक (Starlink) भारत में भी काफी जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने वाली है. स्टारलिंक को भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने के लिए भारत के दूरसंचार विभाग यानी (DoT) से ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस मिल चुका है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्टारलिंक अब अगले दो महीनों के भीतर भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू कर सकती है.
रिपोर्ट के अनुसार, स्टारलिंक ने इंडियन मार्केट में एंट्री करने के लिए अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की कीमत भी तय कर ली है. इस सर्विस का फायदा उठाने के लिए यूज़र्स को अपने घर पर एक सैटेलाइट डिश लगवाना होगा, जिसकी कीमत 33,000 रुपये होगी. उसके बाद यूज़र्स को मंथली रिचार्ज प्लान खरीदना होगा, जिसकी मंथली कीमत 3,000 रुपये होगी और उसमें यूज़र्स को एक महीने के लिए अनलिमिटेड डेटा मिलेगा. स्टारलिंक ने शायद अपने प्लान्स की कीमत को क्षेत्र के अनुसार तय किया है, इसके डिवाइस यानी डिश की कीमत भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी लगभग समान है.
एक महीने फ्री मिलेगी सर्विस
इसके अलावा भारत में अपनी लॉन्च स्ट्रेटजी के तहत स्टारलिंक जियो के नक्शे-कदम पर चल सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि स्टारलिंक भारत में लोगों को अपनी सर्विस पर लॉन्च ऑफर के रूप में प्रत्येक डिवाइस खरीदने पर एक महीने का फ्री ट्रायल दे सकती है. इससे यूज़र्स स्टारलिंक सर्विस का पेड सब्सक्रिप्शन खरीदने से पहले ही मुफ्त में इस सर्विस का एक्सपीरियंस ले सकते हैं.
स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के बारे में आपको बता दें कि, इसके तहत यूज़र्स को दूरदराज और कम सुविधा वाले क्षेत्रों, जैसे- पहाड़ी या देहाती इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकती है. स्टारलिंक सर्विस का असली फायदा उन क्षेत्रों के लोगों को होगा, जहां पर जियो फाइबर या एयरटेल फाइबर जैसी ट्रेडिशनल ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध नहीं की जा सकती है. ऐसे क्षेत्रों में इंटरनेट सर्विस पहुंचाने के लिए स्पेसएक्स ने लगभग 550 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी की निचली कक्षा यानी लो अर्थ ऑर्बिट में सैटेलाइट्स भेजे हैं, जहां से पृथ्वी के दुर्गम क्षेत्रों में भी इंटरनेट सर्विस मुहैया कराई जा सकेगी.
इस सर्विस के लिए स्टारलिंक ने अभी तक करीब 5000 से भी ज्यादा सैटेलाइट्स को लो अर्थ ऑर्बिट में पहुंचा दिया है और कंपनी का लक्ष्य करीब 42,000 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजना है, ताकि पूरी पृथ्वी पर बिना सिम कार्ड के हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड की जा सके. भारत में कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्टारलिंक के भारत में सर्विस शुरू करने से टेलीकॉम सेक्टर का कंप्टीशन काफी बढ़ जाएगा. इससे देश के ग्रामीण क्षेत्रों, स्कूलों और दूर-दराज या देहात से चलने वाले बिजनेस के लिए भी जरूरी इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रोवाइड की जा सकेगी.
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