मसूरी: देहरादून जिले के मसूरी, पछवादून में आस्था और परंपरा का केंद्र भद्रराज मंदिर है. यहां दर्शन करने के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. भद्रराज मंदिर में अब श्रद्धालुओं को पारंपरिक और मर्यादित वस्त्रों में ही दर्शन की अनुमति मिलेगी. मंदिर समिति ने साफ किया है कि छोटे, भड़काऊ या अशोभनीय कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा. इन दिनों ये मामला चर्चा में है.
भद्रराज मंदिर में अमर्यादित वस्त्र पहनकर आने पर रोक: ईटीवी भारत ने इस बारे में सीधे मंदिर समिति के पदाधिकारी से बात की. भद्रराज मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश नौटियाल ने बताया कि यह कोई नया नियम नहीं है, बल्कि मंदिर परिसर में तीन वर्ष पूर्व ही एक सूचना बोर्ड लगाया गया था.
बोर्ड में स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि छोटे कपड़े और अशोभनीय वस्त्र पहनकर आने पर मंदिर में प्रवेश वर्जित है. हाल के समय में कुछ श्रद्धालु ऐसे वस्त्रों में मंदिर पहुंच रहे थे, जो स्थानीय संस्कृति और धार्मिक मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है. इसे देखते हुए मंदिर समिति ने इस दिशा में अब सख्ती से पालन कराने का निर्णय लिया है. यदि कोई श्रद्धालु अनजाने में या लापरवाही वश अमर्यादित वस्त्रों में मंदिर पहुंचता है, तो उसे वापस नहीं किया जाएगा. मंदिर समिति द्वारा उसे धोती उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे पहनकर वह सम्मानपूर्वक भगवान के दर्शन कर सकेगा.
-राजेश नौटियाल, अध्यक्ष, भद्रराज मंदिर समिति-
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने ये कहा: राजेश नौटियाल से जब ये पूछा गया कि कौन से वस्त्र पहनकर लोग भद्रराज मंदिर में नहीं आ सकते हैं तो उन्होंने बताया कि छोटे कपड़े जैसे स्कर्ट, हाफ पेंट और मिनी स्कर्ट प्रतिबंधित है. इसके साथ ही नाइट सूट, कटी-फटी जींस पहनकर आने वालों को भी मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
मसूरी से 10 किलोमीटर दूर है भद्रराज मंदिर: बता दें कि भद्रराज मंदिर भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलभद्र के नाम से स्थापित है. बलभद्र को बलराम भी कहा जाता है. ये मंदिर मसूरी से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है. समुद्र तल से मंदिर 7,267 फीट की ऊंचाई पर है. भद्रराज मंदिर में हर साल 16 और 17 अगस्त को भव्य मेला आयोजित किया जाता है.
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