देहरादून (रोहित सोनी): अभी तक हमारे विश्वविद्यालयों में दर्शन में विदेशी दार्शनिकों प्लेटो, अरस्तू, कार्ल मार्क्स और सिगमंड फ्रायड, अर्थशास्त्र में एडम स्मिथ, जॉन स्टुअर्ट मिल, कार्ल मार्क्स और जॉन कीन्स, राजनीतिक विज्ञान में मैकियावली, हॉब्स, रूसो और मार्क्स, समाजशास्त्र में मैक्स वेबर, दुर्खाईम और मार्क्स तथा साहित्य में विलियम शेक्सपियर, गोथे, और एडगर एलन और इनके सिद्धांत पढ़ाए जाते रहे हैं. अब नई शिक्षा नीति में इसी तरह के प्राचीन भारतीय स्वरूप की भी पढ़ाई होने लगी है. दून विवि ने एक और कदम आगे बढ़ाया है.
दून विवि में होगी हिंदू स्टडीज की पढ़ाई: उत्तराखंड सरकार ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय की तरह ही दून यूनिवर्सिटी में हिंदू स्टडीज का मास्टर्स कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया था. इसके तहत आगामी शैक्षिक सत्र 2025-26 से दून यूनिवर्सिटी में “एमए इन हिंदू स्टडीज” की पढ़ाई शुरू होने जा रही है. इसकी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. देश की जिन भी यूनिवर्सिटी में हिंदू स्टडीज का कोर्स चल रहा है, वो सेमेस्टर वाइज संचालित हो रहे हैं. इसी तरह दून यूनिवर्सिटी में भी “एमए इन हिन्दू स्टडीज” का कोर्स संचालित किया जाएगा.
दून विवि में हिंदू स्टडीज (ETV Bharat)
हिंदू स्टडीज का मास्टर्स कोर्स शुरू होगा: इसके साथ ही दून यूनिवर्सिटी ने निर्णय लिया है कि हिंदू स्टडीज का मास्टर कोर्स संचालित करने के साथ ही ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों के लिए हिंदू स्टडीज का माइनर क्रेडिट कोर्स भी संचालित किया जाएगा. इस कोर्स के संचालन के साथ ही दून यूनिवर्सिटी देश की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी बन जाएगी, जिसमें हिंदू स्टडीज कोर्स को माइनर क्रेडिट कोर्स के रूप में भी संचालन होगा. आखिर क्या है ये कोर्स, कैसे छात्रों को मिलेगा इसका लाभ? पेश है ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.
दून विवि में इसी सत्र से हिंदू स्टडीज का मास्टर्स कोर्स (ETV Bharat Graphics)
हिन्दू स्टडीज का माइनर क्रेडिट कोर्स पहली बार होगा शुरू: दून विश्वविद्यालय में हिंदू स्टडीज कोर्स आगामी शैक्षिक सत्र 2025-26 से 20 सीटों के साथ शुरू होने जा रहा है. हिंदू स्टडीज कोर्स की खास बात ये है कि छात्रों को हिंदू धर्म के साथ पुरातन विद्या-विज्ञान, धर्म-विज्ञान, हिंदू धर्म शास्त्र, प्राचीन परंपराओं की जानकारी दी जाएगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने सबसे पहले हिंदू अध्ययन में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के लिए एक सिलेबस जारी किया था. इसके बाद बीएचयू और डीयू ने हिंदू स्टडीज की ओर अपने कदम बढ़ाए. साथ ही कोर्स का संचालन भी शुरू किया. अब दून विश्वविद्यालय में भी हिंदू स्टडीज कोर्स आगामी सत्र से संचालित होने जा रहा है.

यूजीसी ने नेट परीक्षा में भी शामिल किया (ETV Bharat Graphics)
हिंदू स्टडीज में ये पढ़ाई होगी: हिंदू स्टडीज कोर्स में छात्र छात्राओं को क्या पढ़ाया जाएगा, इसको लेकर लोगों में तमाम की जिज्ञासाएं हैं. दून विश्वविद्यालय के अनुसार, हिंदू स्टडीज कोर्स में बच्चों को रामायण, महाभारत, वेद, वेदांत, वेदांग, ज्ञान मीमांसा, भाषा विज्ञान, कालिदास, तुलसीदास, आर्य समाज, बुद्ध, जैन, स्वामी विवेकानंद के जीवन से परिचय कराया जाएगा. साथ ही इनके सिद्धांतों के बारे में भी बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. इसके अलावा, हिंदू साहित्य, भूगोल, प्राचीन सैन्य विज्ञान, केमेस्ट्री, स्थापत्य कला, पुरातत्व, कला, शास्त्रीय संगीत और नाटक की विधाएं भी बताई जाएंगी.

एडमिशन की प्रक्रिया (ETV Bharat Graphics)
इसी सत्र से शुरू होंगे एडमिशन: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए दून यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल ने बताया कि-
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में हिंदू स्टडीज कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया था. साथ ही 18 जुलाई 2024 को धामी मंत्रिमंडल ने दून विश्वविद्यालय में हिंदू स्टडीज कोर्स शुरू करने को मंजूरी दे दी थी. शैक्षिक सत्र 2025-26 से हिंदू स्टडीज कोर्स शुरू करने की इच्छा जताई थी. देश के कुछ विश्वविद्यालयों में एमए इन हिंदू स्टडीज कोर्स संचालित किया जा रहा है. साथ ही यूजीसी ने इस विषय को नेट में भी शामिल किया है. जिस तरह से अन्य कोर्स में रोजगार के अवसर हैं, इस तरह हिंदू स्टडीज कोर्स में भी रोजगार के अवसर युवाओं को उपलब्ध होंगे.
-प्रो सुरेखा डंगवाल, कुलपति, दून विवि-
दून विवि की कुलपति ने बताया कारण: प्रो सुरेखा डंगवाल ने बताया कि विदेशों की तमाम यूनिवर्सिटी में इंडिक स्टडी कोर्स का संचालन किया जा रहा है. उसी का एक पार्ट हिंदू स्टडीज कोर्स है. भारत देश में बुद्धिस्ट स्टडीज, इस्लामिक स्टडीज, अरबी स्टडीज भी संचालित हो रही है. इसी तरह हिंदू स्टडीज कोर्स भी कुछ साल पहले ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और दिल्ली यूनिवर्सिटी में शुरू किया गया था. इसके बाद अब उत्तराखंड की दून यूनिवर्सिटी में हिंदू स्टडीज का कोर्स, आगामी शैक्षिक सत्र से शुरू होने जा रहा है.

पहले सत्र में 20 सीटों पर एडमिशन (ETV Bharat Graphics)
एमए इन हिंदू स्टडीज के लिए 20 सीट: दून यूनिवर्सिटी में आगामी शैक्षिक सत्र से एमए इन हिंदू स्टडीज का कोर्स 20 सीटों के साथ शुरू होने जा रहा है. जिसके लिए जल्द ही राज्य सरकार पदों का सृजन भी करने जा रही है और फिर पदों के सापेक्ष नियुक्तियां की जाएंगी. दून यूनिवर्सिटी ने हिंदू स्टडीज कोर्स के सिलेबस को लेकर विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. कमेटी में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य एवं महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. गिरिश्वर मिश्र, दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. ओमनाथ बिमाली, दिल्ली विश्वविद्यालय हिन्दू स्टडीज केन्द्र की समन्वयक प्रो. प्रेरणा मल्होत्रा, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. सुधा रानी पांडेय और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के संस्कृत विभाग के आचार्य प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी शामिल हैं. इस समिति की पहली बैठक 3 जून को दून विश्वविद्यालय में होने जा रही है.

भारतीय दार्शनिकों और दर्शन की पढ़ाई होगी (ETV Bharat Graphics)
वैल्यू एडेड कोर्सेज और जेनेरिक कोर्सेज : प्रो सुरेखा डंगवाल ने बताया कि-
नई शिक्षा नीति में वैल्यू एडेड कोर्सेज, जेनेरिक कोर्सेज को भी शामिल किया गया है. ऐसे में हिंदू स्टडीज कोर्स को माइनर क्रेडिट कोर्स के रूप में भी संचालित किया जा सकता है. ताकि किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन कर रहा छात्र भी इस चीज की जानकारी ले सके कि हिंदू स्टडीज में भारतीय दर्शन, भारतीय ज्ञान परंपरा और वेद उपनिषद क्या हैं? ऐसे में हिंदू स्टडीज कोर्स से संबंधित सिलेबस को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति की बैठक में इस विषय पर चर्चा की जाएगी.
-प्रो सुरेखा डंगवाल, कुलपति, दून विवि-
भारतीय दर्शन और वेद उपनिषदों की जानकारी देना लक्ष्य: कुलपति ने बताया कि दून यूनिवर्सिटी की कोशिश यह है कि जो छात्र ग्रेजुएशन, साइंस साइड, आर्ट साइड या फिर कॉमर्स साइड से कर रहा है, उसको हिंदू स्टडीज कोर्स भी माइनर क्रेडिट कोर्स के रूप में पढ़ाया जाए, ताकि उसको भारतीय दर्शन भारतीय ज्ञान परंपरा और वेद उपनिषद की भी जानकारी हो. हालांकि, यह बच्चों के लिए एक चॉइस के रूप में होगा कि वह हिंदू स्टडीज को माइनर क्रेडिट कोर्स के रूप में करना चाहते हैं या नहीं?

कमेटी में ये लोग हैं शामिल (ETV Bharat Graphics)
ये होगा खास: दून विश्वविद्यालय हिंदू स्टडीज को माइनर क्रेडिट कोर्स के रूप में संचालित करना चाहता है, जिसके तहत अगर कोई बच्चा हिंदू स्टडीज की 360 घंटे की पढ़ाई कर लेता है, तो उसे 24 क्रेडिट मिलेंगे. ऐसे में जब छात्र को ग्रेजुएशन की मार्कशीट दी जाएगी, तो उस मार्कशीट में हिंदू स्टडीज भी मेंशन होगा, जिसमें 24 क्रेडिट का जिक्र किया जाएगा. फिलहाल दून विश्वविद्यालय इस पर अध्ययन कर रहा है कि क्या बच्चों को मेजर इन फिजिक्स के साथ ही माइनर इन हिंदू स्टडीज का सर्टिफिकेट दे सकते हैं या नहीं? इस पर 3 जून को होने जा रही विशेषज्ञ समिति की बैठक में चर्चा की जाएगी. कुलपति का मानना है कि छात्रों को हिंदू स्टडीज की जानकारी ग्रेजुएशन से ही होनी चाहिए, ताकि अगर वह हिंदू स्टडीज में मास्टर्स करना चाहते हैं, तो उनको पहले से ही बेसिक जानकारी हो.

पहली बार शुरू होगा हिन्दू स्टडीज का माइनर क्रेडिट कोर्स (ETV Bharat Graphics)
भारतीय दर्शन मुख्य विषय: प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने बताया कि-
हिंदू स्टडीज कोर्स में भारतीय दर्शन एक मुख्य विषय रहेगा, जिसमें भारतीय दर्शन की जानकारी छात्रों को दी जाएगी. वर्तमान समय में छात्रों को वेस्टर्न थ्योरी की जानकारी है और उन्हें पढ़ाई भी जा रही है. लेकिन अभी भी छात्रों को भारतीय दर्शन का ज्ञान नहीं है. लिहाजा, हिंदू स्टडीज कोर्स में भारतीय दर्शन का ज्ञान दिया जाएगा. साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा, भगवत गीता समेत अन्य ग्रंथों और पुराणों की साइंटिफिक महत्व की जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही देश के सभी राज्यों की सांस्कृतिक विरासतों की जानकारी दी जाएगी.
-प्रो सुरेखा डंगवाल, कुलपति, दून विवि-
हिंदू स्टडीज से ऐसे मिलेगा रोजगार: नई शिक्षा नीति में यह प्रावधान किया गया है कि बच्चों को भारतीय ज्ञान परंपरा की जानकारी दी जाए. नई शिक्षा नीति में यह उम्मीद की गई है कि आंगनबाड़ी से लेकर उच्च शिक्षा तक देश की संस्कृति से बच्चों को रूबरू कराया जाए. ऐसे में कोई छात्र, एमए इन हिंदू स्टडीज करने के बाद बीएड करता है तो उसका स्कूल में बतौर टीचर इस्तेमाल किया जा सकता है. क्योंकि आने वाले समय में हिंदू स्टडीज के लिए जो पद सृजित किए जाएंगे, उनके सापेक्ष शिक्षकों की जरूरत भी होगी. 4 साल की डिग्री संचालित करने में अधिक शिक्षकों की जरूरत होगी. ऐसे में इस तरह की व्यवस्थाएं भी आने वाले समय में भारत सरकार और राज्य सरकार की ओर से की जा सकती हैं.
ऐसे होगा प्रवेश: दून विवि ने एमए इन हिंदू स्टडीज कोर्स में एडमिशन लेने के लिए 31 मई तक अप्लाई करने की तिथि रखी है. एमए इन हिंदू स्टडीज कोर्स को 20 सीटों के साथ शुरू किया जा रहा है. ऐसे में अगर 20 से कम छात्र एडमिशन के लिए अप्लाई करते हैं, तो फिर उनका एंट्रेंस एग्जाम नहीं होगा. इसके साथ ही निर्णय लिया गया है कि जिन छात्रों ने CUET (Common University Entrance Test) का इंट्रेंस दिया है या फिर पास कर लिया है, वो भी दून यूनिवर्सिटी में हिंदू स्टडीज कोर्स करने के लिए क्वालीफाई होंगे. अगर कोई जनरल/ओबीसी छात्र 50 फीसदी अंकों और एससी/एसटी छात्र 45 फीसदी अंकों के साथ स्नातक पास किया है वो छात्र एमए इन हिंदू स्टडीज कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है. कुलपति ने बताया कि 31 मई तक अगर 20 से कम आवेदन आते हैं, तो जून महीने तक एडमिशन की प्रक्रिया खुली रहेगी.

हिंदू स्टडीज का मास्टर्स कोर्स के बारे में जानकारी देतीं कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल (Photo- ETV Bharat)
संस्कृत के विद्वान फैसले से खुश: वहीं, संस्कृत के विद्वान पंडित सुभाष जोशी ने कहा कि-
ये पहल हमारी सनातन संस्कृति के संवर्धन के लिए है. सनातन परंपरा में चार वेद, उपवेद, उपनिषद, 18 पुराण और उपपुराण हैं. इनकी जानकारी अगर बच्चों को दी जाए तो उनका रहन-सहन खान भी काफी हद तक बेहतर हो जाएगा. वर्तमान समय में हमारे युवा वेस्टर्न कल्चर से प्रभावित होकर के अपनी संस्कृति और परंपराओं को भूलते जा रहे हैं. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सनातन संस्कृति के संवर्धन को लेकर जो पहल की जा रही है वो सराहनीय पहल है.
-पं सुभाष जोशी, संस्कृत के विद्वान-
पंडित सुभाष जोशी ने कहा कि ऋषि मुनियों ने हमारे वेदों पुराणों में उन तमाम परंपराओं का जिक्र किया है. भारतवर्ष में शुरू से ही ऋषिकुल परंपरा रही है. ऐसे में हिंदू स्टडीज कोर्स के शुरू होने के बाद आने वाले समय में धीरे-धीरे खासकर युवाओं के रहन-सहन, खान-पान, बोली भाषा और वस्त्र पहनावे में बदलाव देखने को मिलेगा.
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