Homeउत्तराखण्ड न्यूजराज्य सतर्कता समिति में विजिलेंस जांच को लेकर हुई चर्चा, भ्रष्ट अफसरों...

राज्य सतर्कता समिति में विजिलेंस जांच को लेकर हुई चर्चा, भ्रष्ट अफसरों पर रहा फोकस


देहरादून: राज्य सतर्कता समिति ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में तमाम प्रस्तावों पर फिर एक बार चर्चा की है. इस दौरान आय से अधिक संपत्ति की जांच को लेकर रखे गए कई प्रस्तावों पर विचार किया गया. जानकारी के अनुसार इसमें कुछ मामलों पर समिति ने अपनी सहमति भी जता दी है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी काफी हद तक राज्य सतर्कता समिति पर है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली ये समिति विभिन्न मामलों में जांच के लिए अपना अनुमोदन देती है, जिसके बाद ही विजिलेंस बड़े अफसरों पर जांच की कार्रवाई को आगे बढ़ा पाती है. इसी कड़ी में सोमवार को राज्य सतर्कता समिति की बैठक सचिवालय में की गई.

मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान करीब पांच मामलों को रखा गया. इसमें अधिकतर मामले ऐसे हैं, जिन पर पूर्व में भी सतर्कता समिति विचार कर चुकी है. लेकिन भ्रष्टाचार से जुड़े इन मामलों में जरूरी औपचारिकताओं के पूरा ना हो पाने के कारण इन पर समिति की तरफ से अनुमति नहीं मिल पाई थी.

सतर्कता समिति की बैठक में विजिलेंस की खुली जांच की अनुमति दी जाती है, इसी तरह विजिलेंस के स्तर पर प्राथमिक रूप से मामले को लिया जाए, इसपर भी चर्चा होती है. मिली जानकारी के अनुसार बैठक में कुछ रिटायर्ड अधिकारियों से जुड़े मामलों पर भी चर्चा की गई है.

इसमें परिवहन विभाग का भी मामला आने की बात सामने आई है. दरअसल हाईकोर्ट में विजिलेंस जांच को लेकर उत्तराखंड परिवहन निगम से जुड़ा मामला पहुंचा था. जिसमें हाईकोर्ट ने भी सरकार को जल्द निर्णय लेने के निर्देश दिए थे. इसी तरह भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में खनन और पेयजल से जुड़े अफसरों के मामले भी पहुंचे थे, जिस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया था.

राज्य सतर्कता समिति ऐसे विभिन्न मामलों पर विजिलेंस की खुली जांच के लिए अंतिम निर्णय लेती है, जिसके बाद विजिलेंस जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है. सतर्कता समिति के सामने कई मामले आए हैं और मौजूद दस्तावेजों के आधार पर समिति ने निर्णय लिया है.

पढ़ें-घूस लेने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं, सतर्कता विभाग ने बनाया ये प्लान

एक नजर