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TRF को ग्लोबल टेररिस्ट ग्रुप घोषित करना भारत की कूटनीतिक जीत, शशि थरूर ने कहा


नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिका के उस कदम का स्वागत किया है, जिसमें उसने हाल ही में द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है. टीआरएफ पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है.

तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने शनिवार को उम्मीद जताई कि इस फैसले से पाकिस्तान पर अपनी धरती से सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा. यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद न्याय की जोरदार अपील के बाद आया है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शशि थरूर ने लिखा, “मैं अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा पहलगाम आतंकी हमले का श्रेय लेने वाले लश्कर के सहयोगी द रेजिस्टेंस फ्रंट को आतंकवादी संगठन घोषित करने का स्वागत करता हूं. उन्होंने एक्स पोस्ट पर कहा कि, अमेरिका के इस घोषणा के बाद पाकिस्तान पर अपनी गतिविधियों को रोकने और उसे काबू में करने का दबाव बढ़ गया है.

एक अन्य पोस्ट में थरूर ने वाशिंगटन में हुई हालिया बैठकों के अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा, “वाशिंगटन में अपनी निजी बातचीत में जब मैंने लोगों से साफ तौर पर पूछा कि अमेरिका अभी भी पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने की इजाजत क्यों दे रहा है, तो मुझे आतंकवाद विरोधी अभियानों में अमेरिका के साथ पाकिस्तान के कथित सहयोग की ओर इशारा किया गया.”

काबुल हवाई अड्डे पर 23 अमेरिकी मरीन मारे गए थे. इसके बारे में बोलते हुए थरूर ने विशेष रूप से हाल ही में एबी गेट बम विस्फोट के लिए कथित रूप से जिम्मेदार व्यक्ति के आत्मसमर्पण का जिक्र किया. लगातार वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, थरूर ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तानी कार्रवाई की गुणवत्ता और ईमानदारी के बारे में हमारा संदेह उन आतंकवादी एजेंसियों के साथ हमारे अपने अनुभव को दर्शाता है जो हमारे खिलाफ हैं, न कि उन लोगों के खिलाफ जिन्हें अमेरिका शत्रुतापूर्ण मानता है, जैसे कि आईएसआईएस-खोरासन.”

शशि थरूर ने कहा कि, इस मुद्दे पर अमेरिका और हमारे बीच की धारणाओं के अंतर को पाटने की दिशा में एक कदम है. कांग्रेस नेता ने कहा कि, यह TRF को संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध कराने के हमारे प्रयासों में भी मदद करेगा.

TRF ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जो 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारतीय नागरिकों पर सबसे घातक आतंकवादी हमला था. घटना के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके संवेदना व्यक्त की थी और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने में अमेरिका का अटूट समर्थन व्यक्त किया था.

गुरुवार को, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने औपचारिक रूप से टीआरएफ को नामित विदेशी आतंकवादी संगठनों (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादियों (एसडीजीटी) की सूची में शामिल करने की घोषणा की. रुबियो ने कहा था कि, “यह कार्रवाई ट्रंप प्रशासन की हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के न्याय के आह्वान को लागू करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.”

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रुबियो के साथ हालिया बैठकों और वाशिंगटन में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में इस मुद्दे को उठाया था, जिसमें टीआरएफ जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ समन्वित वैश्विक कार्रवाई के लिए भारत के आह्वान को रेखांकित किया गया था. टीआरएफ के खिलाफ ट्ंरप प्रशासन की इस घोषणा भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग में एक मील का पत्थर तथा आतंकवाद के राज्य प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है.

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