देहरादून: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के रहने वाले अतुल मेहनत कर न सिर्फ अपना सपना पूरा किया है, बल्कि अपना भविष्य भी संवारा है. घोड़े खच्चर चलने वाला अतुल, आईआईटी मद्रास पहुंच गया है. अतुल कुमार ने अपनी मेहनत के बल पर आईआईटी जेएएम परीक्षा 2025 में ऑल इंडिया लेवल पर 649 रैंक हासिल की है. इसके बाद अतुल को आईआईटी मद्रास में दाखिला मिला है. अतुल की सफलता को देखते हुए हर कोई प्रेरित हो रहा है तो वहीं, बुधवार की रात को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतुल से फोन पर बात कर उन्हें शुभकामनाएं दी.
अतुल 21 जुलाई को ही चेन्नई पहुंच गए हैं. अतुल आईआईटी मद्रास में एमएससी गणित की पढ़ाई करेंगे. इससे पहले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट करने के बाद अतुल ने हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से बीएससी किया था. बीएससी करने के दौरान कई बार अतुल को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. लेकिन आर्थिक तंगी होने के बावजूद अतुल ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा, जिसका ही नतीजा है कि आज अतुल आईआईटी मद्रास पहुंच गए हैं. अतुल से फोन पर बातचीत करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मेहनत से अन्य लोगों को प्रेरित किया है.
#WATCH | Uttarakhand CMO says, ” chief minister pushkar singh dhami on wednesday spoke to atul, a youth selected in iit madras from rudraprayag district, over the phone and congratulated him. the chief minister said that atul has inspired other people with his hard work. he said… pic.twitter.com/7pudJi0qnR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 23, 2025
उन्होंने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में भी यदि व्यक्ति संकल्प लेकर काम करता है तो उसके सपने जरूर पूरे होते हैं. जीवन में कोई चीज असंभव नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि अतुल ने प्रत्येक उत्तराखंडी को गौरवान्वित और प्रेरित किया है. मुख्यमंत्री ने अतुल को भी हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया. रुद्रप्रयाग जिले के अतुल ने केदारनाथ में घोड़े-खच्चर चलाकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाला. इसके साथ ही अपनी मेहनत और संघर्ष की बदौलत उनका आईआईटी मद्रास में चयन हुआ है. बता दें अतुल रुद्रप्रयाग जिले के वीरों देवल गांव के रहने वाले हैं.
अतुल काफी गरीब परिवार से आते हैं. अतुल के घर में माता पिता, एक छोटा भाई और एक बहन हैं. अतुल की बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. अतुल घोड़ा खच्चर चलाकर अपने परिवार की मदद करते हैं. साथ ही वे पढ़ाई को लेकर भी जागरूक हैं. तंगहाली में जिस तरीके से अतुल ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा है वो आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है.
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