देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के थाना रायपुर में पीएम पोषण योजना में करोड़ों रुपए के घोटाले में संविदा कर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. उपनल से संविदा कर्मचारी पर नौनिहालों को विद्यालय में दिए जा रहे दोपहर भोजन (मिड डे मील) योजना की बची धनराशि व्यक्तिगत खाते में डालने का आरोप है. मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. फर्जीवाड़ा पिछले तीन सालों से चल रहा था, जिसकी भनक विभाग को अब लगी है.
जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती ने रायपुर थाने में रविवार 20 जून 2025 को शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत चल रही योजनाओं में कार्यरत एमआईएस समन्वयक नवीन सिंह रावत पिछले 10 सालों से अधिक समय से उपनल के माध्यम से सेवायोजित हैं. पीएम पोषण योजना के अंतर्गत शिक्षा विभाग प्रारंभिक में कार्यरत थे. योजना के संचालन के लिए केनरा बैंक के सीएसएस पोर्टल पर नेट बैंकिंग के माध्यम से चलाने की जिम्मेदारी नवीन सिंह रावत को बतौर मेकर के रूप में दी गई थी. नवीन सिंह को देहरादून शहर के सभी सरकारी स्कूलों का जिम्मा सौंपा गया था.
नेट बैंकिंग का दुरुपयोग कर निकाली राशि: प्रेमलाल भारती के मुताबिक, संदेह होने पर जुलाई माह में मामले की जांच की. जांच में सामने आया कि साल 2023 से अब तक नवीन सिंह ने निर्धारित प्रक्रिया और उच्चाधिकारियों की अनुमति के बिना नौनिहालों को विद्यालय में दिए जा रहे मिड डे मील योजना की बची धनराशि को इस खाते से करीब 3 करोड़ 15 लाख रुपए की राशि अलग-अलग अज्ञात खातों में ट्रांसफर कर दी है. यह कार्रवाई सीएसएस पोर्टल पर नेट बैंकिंग का दुरुपयोग करते हुई की गई है. जिससे स्पष्ट होता है कि यह शासकीय धन का गबन है. मामले की विभागीय आंतरिक जांच में नवीन सिंह पर आरोपों की पुष्टि हो चुकी है.
थाना रायपुर प्रभारी गिरीश नेगी ने बताया है कि जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती की शिकायत के आधार पर विभाग के पीएम पोषण प्रकोष्ठ बतौर एमआईएस समन्यवक नवीन सिंह रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. जांच में पेश हुए तथ्यों की पुष्टि होने के बाद एमआईएस समन्यवक नवीन सिंह रावत की गिरफ्तारी के कार्रवाई की जाएगी.
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