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बुंखाल मेले से लौट रहे श्रद्धालुओं की गाड़ी खाई में गिरी, दो की मौत, तीन घायल


बुंखाल मेला सड़क हादसा (ETV Bharat)

पौड़ी गढ़वाल: बुंखाल मेले से लौट रहे श्रद्धालुओं की गाड़ी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी. इस सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल बताये जा रहे हैं. घायलों को उपचार के लिए श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर किया गया है. ये हादसा पौड़ी थलीसैंण ब्लॉक में हुआ.

मृतकों की पहचान वीरेंद्र पुत्र सरदार सिंह उम्र 23 वर्ष ग्राम टीला ,पैठाणी, संतोष सिंह पुत्र रघुवीर सिंह उम्र 35 वर्ष ग्राम टीला थाना पैठाणी के रूप में हुई है. वहीं, अगर घायलों की बात करें तो सोहन सिंह, वीरेंद्र सिंह, सिताब सिंह, वीरेंद्र सिंह के रूप में हुई है.इसमें वीरेंद्र सिंह, सिताब सिंह रुद्रप्रयाग के रहने वाले हैं.

बता दें बुंखाल मेला पाबौ ब्लॉक में प्रसिद्ध बूंखाल कालिंका मंदिर में आयोजित किया जाता है. यह एक धार्मिक मेला है. यहां के काली देवी मंदिर में हर साल यह मेला आयोजित किया जाता है. इस मेले में दूर दराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह मंदिर लोगों की आस्था, विश्वास और श्रद्धा का एक बड़ा केंद्र है.

क्या है मान्यता: किवदंती के अनुसार गाय चुगाते वक्त बच्चों ने शरारत में एक बालिका को खड्ड में दबा दिया. इसके बाद वे अपने घर चले गए, लेकिन बालिका वहीं दबी रह गई. रात्रि में वह गांव के प्रधान के सपने में जानकर घटना बताती है और कहती है कि उसने काली का रूप ले लिया है. उसका मंदिर निर्मित कर उनकी पूजा शुरू करो. काली का मंदिर बनने के बाद वह आवाज देकर लोगों को हर घटना की जानकारी देती थी.

इस बीच, गोरखाओं ने आक्रमण किया तो वह गांव में पहुंचने से पहले आवाज देकर गोरखाओं की सूचना दे देती. गोरखाओं ने तंत्र से खड्ड में दबी देवी को उलटा कर दिया. तब से आवाज बंद हुई. कालिंका के इसी खड्ड में पहले सैकड़ों की तादाद में पशु बलि दी जाती थी. माना जाता था कि बलि के बाद देवी की कृपा प्राप्त होती है. वर्ष 2011 से पशुबलि बंद हो चुकी है. अब गांव ग्रामीण मेले के दिन ढोल-दमाऊं, निसांण और डोली लेकर मंदिर में सात्विक पूजा-अर्चना करते हैं.

प्रदेश में सितंबर 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति

  • उत्तरकाशी जिले में 16 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई.
  • टिहरी जिले में 45 सड़क दुर्घटनाएं, जिसमें 42 लोगों की मौत हुई है.
  • चमोली जिले में 35 सड़क दुर्घटनाएं, जिसमें 29 लोगों की मौत हुई.
  • रुद्रप्रयाग जिले में 27 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 33 लोगों की मौत हुई है.
  • पौड़ी जिले में 31 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 22 लोगों की मौत हुई है.
  • देहरादून जिले में 326 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 172 लोगों की मौत हुई है.
  • हरिद्वार जिले में 296 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 217 लोगों की मौत हुई है.
  • नैनीताल जिले में 207 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 120 लोगों की मौत हुई है.
  • उधम सिंह नगर जिले में 305 सड़क दुर्घटनाएं, जिसमें 216 लोगों की मौत हुई.
  • अल्मोड़ा जिले में 23 सड़क दुर्घटनाएं, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई.
  • पिथौरागढ़ जिले में 29 सड़क दुर्घटनाएं, जिसमें 32 लोगों की मौत हुई है.
  • चंपावत जिले में 17 सड़क दुर्घटनाएं, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई.
  • बागेश्वर जिले में 12 सड़क दुर्घटनाएं, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई.

प्रदेश भर में सितंबर महीने तक 1,369 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिन सड़क दुर्घटनाओं में 932 लोगों की मौत हुई है.

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