यूपी सीएम योगी से मिले कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत. (ETV Bharat)
देहरादून: बिहार चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी का जोश हाई है. बिहार के बाद अब बीजेपी की नजर ममता के गढ़ पश्चिम बंगाल पर है, जिसके लिए बीजेपी ने अभी से अपनी कमर कस ली है. पश्चिम बंगाल में अगले साल 2026 में चुनाव होने है. पश्चिम बंगाल के किले को भेदने के लिए बीजेपी ने मजबूत रणनीति बनाई है. रणनीति के तहत बीजेपी ने कई प्रदेशों के बड़े नेताओं को पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों की जिम्मेदारी है, जिनमें से एक उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी है. कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत हाल ही में पश्चिम बंगाल का दौरा करके उत्तराखंड आए है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई राज्यों के नेताओं को पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों की जिम्मेदारी है. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि हम संगठन के लोग हैं और एक कार्यकर्ता के रूप में सभी जगह हम पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करते हैं.
मंत्री धन सिंह रावत भी पश्चिम बंगाल में तीन से चार दिनों का कैंप करके भी आए हैं. पार्टी ने पश्चिम बंगाल में सभी नेताओं को संगठन विस्तार, बूथ प्रबंधन, कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने और शीर्ष नेतृत्व के साथ समन्वय बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. मंत्री धन सिंह रावत ने लखनऊ में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की है.
जानिए किसको कहां की जिम्मेदारी मिली:
- उत्तर बंगाल की जिम्मेदारी अरुणाचल प्रदेश के संगटन मंत्री नारायण मिश्र को सौंपी गई है.
- राढ़बंगा क्षेत्र में बीजेपी को जिताने का जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के संगठन मंत्री पवन साईं और उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को दी गई है.
- हावड़ा की जिम्मेदारी दिल्ली के संगठन मंत्री पवन राणा को दी गई है. उनके साथ हरियाणा के वरिष्ठ नेता संजय भाटिया मौजूद रहेंगे.
- इसी तरह मोदिनीपुर में यूपी सरकार के मंत्री जेपीएस राठौर को भेजा गया है.
- कोलकाता महानगर और दक्षिण 24 परगना की कमान हिमाचल के संगठन मंत्री एम. सिद्धार्थन के पास है. उनके साथ कर्नाटक के बड़े नेता और पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री सीटी रवि को लगाया गया है.
बता दें कि, पश्चिम बंगाल में विधानसभा 294 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए यहां किसी भी पार्टी को 148 सीटें चाहिए होती है. 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 38 फीसदी वोट के साथ 77 सीटें जीती थीं. वहीं तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी ने 48 फीसदी वोट प्रतिशत के साथ 215 सीटें हासिल कर जीत की हैट्रिक लगा दी थी.
पढ़ें—

