देहरादून: उत्तराखंड भाजपा ने ज्वालापुर से पूर्व विधायक सुरेश राठौर को निष्कासित कर दिया है. भाजपा ने सुरेश राठौड़ को 6 साल के लिए निष्कासित किया है. कुछ दिन पहले भाजपा ने पूर्व विधायक सुरेश राठौड़ को नोटिस जारी किया था, जिसमें उनके आचरण और पार्टी की छवि धूमिल करने के आरोपों पर उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया था. वहीं, आज बीजेपी ने बड़ा फैसला लेते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
बता दें कि, बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने हाल ही में एक प्रेस कांफ्रेंस की थी. यहां वो एक महिला के साथ बैठे थे. प्रेस कांफ्रेंस में महिला उनको पति के रूप में संबोधित कर रही थी और विवाह की घोषणा भी की थी. इसके बाद महिला द्वारा कई पोस्ट किए गए जिसमें राठौर को उन्होंने अपना पति बताया.
बीजेपी ने सुरेश राठौर पर लिया बड़ा एक्शन (ETV BHARAT)
इस घटना के बाद भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी की ओर से इस बात की पुष्टि की गई थी कि राठौर द्वारा की जा रही कुछ गतिविधियां पार्टी में अनुशासनहीनता के दायरे में आती हैं. उनके निजी जीवन में पार्टी हस्तक्षेप नहीं करती लेकिन वो बातें जगजाहिर हो रही हैं तो पार्टी को भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इसी के बाद सुरेश राठौर को लिखित रूप में कार्यालय में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था. राठौर भी जवाब देने खुद कार्यालय पहुंचे थे.
पार्टी के द्वारा पूर्व विधायक सुरेश राठौर को उनके अर्मादित आचरण के कारण नोटिस जारी किया गया था. उनके द्वारा नोटिस का जवाब दिया गया लेकिन जवाब संतोषनजक नहीं पाया गया. इस कारण प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर उनको पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है. पार्टी चाल, चरित्र और चेहरे के रूप में जानी जाती है और किसी भी प्रकार से पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं है.
– मनवीर चौहान, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा –
राठौर के जवाब देने के चार दिनों के भीतर ही उनको पार्टी ने 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है. जानकारों की मानें तो सुरेश राठौर की दूसरी शादी की खबरों से पार्टी को यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सवालों का सामना करना पड़ रहा था. दरअसल, उत्तराखंड भाजपा पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाले पहले राज्य के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है. इसके नाम पर पार्टी प्रदेश भर में वाहवाही लूटने का काम कर रही है, मगर भाजपा के ही नेता द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट का उल्लंघन करना बीजेपी के लिए गले की हड्डी बना हुआ था.
बीजेपी को यह आशंका थी कि जिस यूनिफॉर्म सिविल कोड को भाजपा उत्तराखंड से लागू करवा कर पूरे देश भर में एक मिसाल देना चाहती थी उसी यूनिफॉर्म सिविल कोड की धज्जियां उड़ रही हैं. ऐसे में बीजेपी ने अपने राजनीतिक माइलेज को देखते हुए सुरेश राठौर को पार्टी से निष्कासित किया है.
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