देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है. मौजूदा प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. इस तरह उत्तराखंड वन विभाग में मुखिया की जिम्मेदारी देख रहे धनंजय मोहन अब सेवानिवृत्ति हो गए हैं. वन मुखिया की नई कमान समीर सिन्हा को दे दी गई है.
HOFF ने लिया VRS: उत्तराखंड वन विभाग में मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे धनंजय मोहन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. धनंजय मोहन ने ऐसा क्यों किया अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन दिए गए आवेदन में उन्होंने इसके पीछे पारिवारिक कारण बताया है.
वन विभाग की पत्रावली (Photo courtesy- Forest Department)
धनंजय मोहन का वीआरएस स्वीकार: खास बात यह है कि शासन ने भी उनकी स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति के आवेदन को स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही अब समीर सिन्हा को वन विभाग के मुखिया के तौर पर अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई है.
रिटायरमेंट से 2 महीने पहले लिया वीआरएस: प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने मई 2024 में वन मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी. वे अगस्त 2025 में सेवानिवृत हो रहे थे. धनंजय मोहन को वन विभाग के मुखिया के तौर पर करीब 1 साल 3 महीने का वक्त मिलना था. लेकिन 2 महीने पहले धनंजय मोहन का इस तरह VRS लेना किसी को समझ नहीं आ रहा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए धनंजय मोहन ने कहा कि-

वन विभाग की पत्रावली (Photo courtesy- Forest Department)
मैंने पारिवारिक कारणों से इस्तीफा दिया है. मेरा इस्तीफा स्वीकार भी हो गया है.
-धनंजय मोहन, वीआरएस लेने वाले प्रमुख वन संरक्षक हॉफ-
समीर सिन्हा को वन विभाग की कमान: धनंजय मोहन के बाद सीनियरिटी के तौर पर अगला चेहरा PCCF समीर सिन्हा का है. धनंजय मोहन जहां 1988 बैच के IFS अधिकारी हैं, तो वहीं समीर सिन्हा 1990 बैच के IFS अफसर हैं. इसी को देखते हुए समीर सिन्हा को campa के साथ प्रमुख वन संरक्षक हॉफ की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है.
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