हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल डॉ सुशीला तिवारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में कार्यरत उपनल कर्मचारियों ने सोमवार को कार्य बहिष्कार कर दिया. इस दौरान उपनल कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उपनल कर्मचारियों ने अपनी मांगों को पूरा किए जाने की मांग की.
सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में कार्यरत करीब 700 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह पिछले 20 सालों से अधिक समय से सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कोविड के दौरान भी उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की थी, लेकिन पिछले चार महीनों से उनको अभी तक वेतन नहीं दिया गया है. कर्मचारी पूरी उम्र अपनी सेवा देते आ रहे हैं, लेकिन उनको अभी तक स्थाई कर्मचारी भी नहीं बनाया गया. बहुत से कर्मचारी अब रिटायर होने की उम्र में आ चुके हैं, लेकिन उनको अभी तक स्थाई भी नहीं किया गया.
सुशीला तिवारी अस्पताल के 700 उपनल कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्का (ETV Bharat)
कर्मचारियों ने साफ किया है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वो जल्द बड़ा आंदोलन करेंगे. कर्मचारियों ने अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दी है कि तीन दिन के भीतर में उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की होगी.
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी का कहना है कि कर्मचारियों का करीब 4 महीने से वेतन नहीं मिला है. इसको लेकर शासन स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. इनके पद सृजित नहीं होने के चलते बजट नहीं मिला है. शासन स्तर से बजट रिलीज होते ही कर्मचारियों को वेतन मिल जाएगा.
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