हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में दस जुलाई से शुरू हुआ कांवड़ मेले आज 22 जुलाई को सकुशल संपन्न हो गया है. आधी रात तक सभी कांवड़िए अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो चुके होगे. जिला प्रशासन के अनुसार अभी तक चार करोड़ 13 लाख से ज्यादा कांवड़ियों हरिद्वार से गंगाजल भरकर अपने शिवालयों की तरफ निकल चुके है. अब भी कांवड़ियों के आने के सिलसिला जारी है. इसीलिए ये आंकड़ा पांच करोड़ तक जाने की उम्मीद है.
हरिद्वार पुलिस-प्रशासन के लिए कांवड़ मेले के 13 दिन बड़े ही चुनौती भरे रहे हैं. कांवड़ियों की भीड़ को देखते हुए पुलिस को समय-समय पर अपनी रणनीति बदलनी पड़ी थी. ट्रैफिक प्लान भी कई बार चेंज किया गया. आखिर के चार दिन तो पूरा हरिद्वार भगवा मय हो रखा था. रोजाना से 30 से 40 लाख शिव भक्त हरिद्वार पहुंच रहे थे.
#WATCH | Uttarakhand | Drone visuals from Haridwar as Kanwariyas throng the city to collect water from the Ganga river during their pilgrimage in the holy month of ‘Shravan’.
(Source: Information Department) pic.twitter.com/YdRQNuoh6c
— ANI (@ANI) July 22, 2025
उपद्रवियों पर लिया एक्शन: कांवड़ मेले के दौरान पुलिस-प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती उपद्रवियों से निपटने की होती है. क्योंकि कई बार कांवड़ियों के भेष में कुछ लोग मेले का माहौल खराब करने की कोशिश करते है. हालांकि इस बार पुलिस की सख्ती की वजह से बीते सालों के मुकाबले इस तरह की घटनाएं कम देखने को मिली है. वहीं जिन लोगों ने इस बार उपद्रव मचाया था, उन्हें पुलिस ने सबक भी सिखाया है. उपद्रव मचाने के आरोप में कई कांवड़ियों को तो पुलिस ने जेल की हवा भी खिलाई है.
भव्य कांवड़ यात्रा का अंतिम क्षण, हरिद्वार पुलिस की सुदृढ़ यातायात व्यवस्था के बीच अपने गंतव्यों को रवाना हो रहे भोले
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— Haridwar Police Uttarakhand (@haridwarpolice) July 22, 2025
ट्रैफिक को किया कंट्रोल: मेले के आखिरी चरण में डाक कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं. इस दौरान बड़े वाहनों की वजह से आम जनता के साथ-साथ पैदल चलने वाले कांवड़ियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. लेकिन इस बार पुलिस ने इस समस्या को बड़े अच्छे से मैनेज किया.
पुलिस ने कांवड़ियों के किसी भी बड़े वाहनों की हरिद्वार मुख्य शहर में एंट्री नहीं होने दी. सभी बड़े वाहनों की पार्किंग का इंतजाम रिद्वार शहर की सीमा के बाहर ही किया गया था, जिससे सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलती रही. इसके अलावा अन्य कांवड़ियों को भी पुलिस ने इस बार हाईवे से नहीं चलने दिया. सभी कांवड़ियों को कांवड़ पटरी से ही भेजा गया.
आखिरी दिनों में फूल हुई सभी पार्किंग: कांवड़ मेले के आखिर तीन दिनों में शहर अंदर और बाहर जो भी पार्किंग बनाई गई थी, वो सभी फुल हो गई थी. हालांकि पुलिस ने बैकअप के तौर पर कई जगहों पर पार्किंग बनाई थी, जिस वजह से हालात काबू में रहे.
4.13 करोड़ भक्तों ने हरकी पैड़ी से भरा गंगाजल (ETV Bharat)
एसएसपी ने शेयर किया अपना अनुभव: हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने इस कांवड़ मेले में अपने अनुभवों को ईटीवी भारत के साथ शेयर भी किया. उन्होंने बताया कि कावड़ मेला 2025 उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण था. क्योंकि बीते सालों के मुकाबले इस बार डाक कांवड़ियों की संख्या काफी ज्यादा थी.

हरिद्वार कांवड़ मेला संपन्न (ETV Bharat)
इस बार पंचक में भी कांवड़िए गंगा जलकर भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना होते रहे. पहले के मुकाबले कांवड़ियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने भी उतने ही अच्छे तरीके से इस मेले को मैनेज किया है. आज रात तक सभी कांवड़िए हरिद्वार से अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाएगे.

हरिद्वार हरकी पैड़ी पर शिव भक्तों की भीड़. (ETV Bharat)

हरिद्वार हरकी पैड़ी. (ETV Bharat)
कूड़ा निस्तारण का काम: वहीं हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि कांवड़ मेले को चार चरण में रखा गया था, जिसमें तीन चरण पूरे हो चुके है. अब आखिरी चरण में हरिद्वार में साफ-सफाई का काम करना है. अब हरिद्वार हरकी पैड़ी क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण का काम किया जाएगा. उसी के बाद हरिद्वार मेले के सकुशल संपन्न माना जाएगा.
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