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उत्तराखंड रोडवेज की 350 बसों के थमेंगे पहिए, अनुबंधित बस संचालकों ने दी हड़ताल की चेतावनी, जानिए क्यों


देहरादून: अक्सर चर्चाओं में रहने वाला उत्तराखंड परिवहन निगम एक बार फिर से मुश्किल में है. क्योंकि उत्तराखंड परिवहन निगम के बेड़े में शामिल अनुबंधित बसों के संचालक सात अगस्त से हड़ताल पर जाने वाले हैं. ऐसे में न सिर्फ उत्तराखंड परिवहन निगम की कमाई पर असर पड़ेगा, बल्कि हजारों यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. सबसे ज्यादा दिक्कत दिल्ली रूट पर आएगी, क्योंकि इस रूप पर उत्तराखंड परिवहन निगम करीब 205 अनुबंधित बसें संचालित कर रहा है.

दरअसल, अनुबंधित बस संचालक लंबे समय से अपने भुगतान को लेकर उत्तराखंड परिवहन निगम मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक भुगतान की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. सोमवार को भी अनुबंधित बस संचालक उत्तराखंड परिवहन निगम के मुख्यालय पहुंचे थे. इस दौरान उनकी निगम के अधिकारियों से लंबी बातचीत हुई, लेकिन बकाया भुगतान को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया.

उत्तराखंड रोडवेज की 350 बसों के थमेंगे पहिए (ETV Bharat)

आखिर में अनुबंधित बस संचालकों ने उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक पवन मेहरा को ज्ञापन सौंपकर सात अगस्त से अनुबंधित बसों के संचालक को रोकने की बात कही है. वर्तमान समय में 350 अनुबंधित बसों का संचालन प्रदेश में किया जा रहा है, लेकिन निगम ने अभी तक मई और जून महीने का भुगतान नहीं किया. ऐसे में संचालक काफी नाराज है.

अनुबंधित बस स्वामी संघ के अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश भर में कुल 350 अनुबंधित बसों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 205 बसों का संचालन अलग-अलग डिपो से दिल्ली रूट पर किया जा रहा है. लेकिन निगम ने अभी तक उनका भुगतान नहीं किया है. इसी वजह से वो अपने स्टाफ को सैलरी भी नहीं दे पा रहे है. इसीलिए उन्होंने सभी अनुबंधित बसों का संचालन रोकने का फैसला लिया है.

साथ ही शेर सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक वित्त क्रांति सिंह के साथ वो काम नहीं करना चाहते है, क्योंकि वो भुगतान नहीं करना चाह रहे है. वहीं अनुबंधित बस स्वामी संघ के संरक्षक अरुण राजपूत ने कहा कि पिछले कुछ महीने से बकाया भुगतान समेत तीन बिंदुओं को लेकर अधिकारियों से बातचीत की है, लेकिन कोई हल नहीं निकला.

अरुण राजपूत ने बताया कि उनके पास ड्राइवरों की सैलरी देने के भी रुपए नहीं है. ऐसे में उनके पास बसों की खड़ी करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. क्योंकि वो लोग अपनी बसों की ईएमआई भी नहीं भर पा रहे है. वहीं अनुबंधित बस के आरोपों पर उत्तराखंड परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने कहा कि अनुबंधित बस स्वामी संघ के पदाधिकारी मिलने आए थे. उन्होंने अपना ज्ञापन भी सौंपा है.

प्रबंध निदेशक रीना जोशी का कहना है कि परिवहन निगम में दो तरह के सीजन होते है, जिसमें एक लीन और एक पीक सीजन होता है. पीक सीजन के दौरान परिवहन निगम को अधिक आमदनी होती है, जिस दौरान कोशिश की जाता है कि बस संचालकों को समय पर भुगतान किया जाए, लेकिन लीन सीजन के दौरान समय पर भुगतान नहीं हो पाता है. ऐसे में निगम के पास जैसे ही पेमेंट आएगा, बस संचालकों को भुगतान कर दिया जाएगा. ऐसे में हड़ताल की नौबत नहीं आएगी.

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