नैनीताल उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को तीन महीने में लोकायुक्त की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं। इस कारण लोकायुक्त की नियुक्ति का मामला खासा गर्म है। कांग्रेस इस मसले पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत धामी सरकार आने वाले दिनों में लोकायुक्त की नियुक्ति कर सकती है। इसके लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। सबसे पहले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय चयन समिति बनेगी जो लोकायुक्त की तलाश के लिए खोजबीन (सर्च) कमेटी का गठन करेगी।
कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के एक उच्चाधिकारी ने लोकायुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान होने की पुष्टि की है। नैनीताल उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को तीन महीने में लोकायुक्त की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं। इस कारण लोकायुक्त की नियुक्ति का मामला खासा गर्म है। कांग्रेस इस मसले पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार प्रहार कर रही धामी सरकार ने लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी होने के संकेत दिए हैं। सीएम की अध्यक्षता में लोकायुक्त व सदस्यों के चयन के लिए एक समिति बनाई जा रही है। समिति में विस अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके नाम देने पर हाईकोर्ट का कोई न्यायाधीश और राज्यपाल द्वारा दिए गए किसी विख्यात विधिवेत्ता को सदस्य बनाया जाना है।
कार्मिक विभाग के सूत्रों के मुताबिक, चयन समिति के चार नाम तय हो चुके हैं और पांचवां नाम जल्द उपलब्ध हो जाने की उम्मीद है। गठन के बाद चयन समिति व्यक्तियों के नामों के पैनल तैयार करने के लिए एक सर्च कमेटी बनाएगी।
चयन समिति बनने के बाद से 45 दिन के भीतर सर्च कमेटी का गठन हो जाना चाहिए। सर्च कमेटी तीन गुना नामों की सिफारिश कर चयन समिति को भेजेगी। माना जा रहा कि धामी सरकार अगले दो-तीन महीनों में लोकायुक्त की नियुक्ति कर सकती है।