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उत्तराखण्ड सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि कर बुजुर्गों को दी बड़ी राहत

देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे राज्य के बुजुर्गों को बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेंशन स्वीकृत करने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए यह सुनिश्चित किया है कि बुजुर्गों को समय पर पेंशन का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है, जिसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

वृद्धावस्था पेंशन योजना में बदलाव

मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर यह घोषणा की कि अब 59 वर्ष और छह महीने की आयु पूरी करने पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन प्राप्त किए जा सकेंगे। इसके बाद, जैसे ही व्यक्ति 60 वर्ष की आयु पूरी करेगा, उसकी पेंशन प्रारंभ हो जाएगी। इस सुविधा से बुजुर्गों को पेंशन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इसके अलावा, सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन की राशि में भी वृद्धि की है। पहले जहां यह राशि 1200 रुपये प्रतिमाह थी, अब इसे बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया है। इस बढ़ी हुई राशि से बुजुर्गों को अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में सहायता मिलेगी। अब दोनों पति-पत्नी को भी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।

पेंशन राशि का ऑनलाइन हस्तांतरण

मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम में, सितंबर और अक्टूबर में 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले 61 व्यक्तियों को ऑनलाइन पेंशन राशि का हस्तांतरण किया। उन्होंने इस प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि इस कदम से बुजुर्गों को समय से लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे वृद्धजन हमारे अभिभावक के समान हैं और हम उनकी सेवा में हमेशा तत्पर रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ से यह कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा, और हम उनके इस विज़न को साकार करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।”

60 वर्ष के बुजुर्गों का चिह्नीकरण

सचिव समाज कल्याण, नीरज खैरवाल ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर में सभी जिलों में 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले व्यक्तियों का चिह्नीकरण किया गया। इस अभियान के तहत 12,000 बुजुर्गों को चिह्नित किया गया है। इन व्यक्तियों का आंकड़ा जुटाया गया है जो 1 अक्टूबर तक 60 वर्ष पूरे कर चुके हैं और वृद्धावस्था पेंशन के पात्र हैं। इसके अलावा, उन व्यक्तियों का आंकड़ा भी तैयार किया गया है, जिन्होंने 59 वर्ष और छह महीने की आयु पूरी कर ली है।

पंजीकृत व्यापारी सम्मान योजना

इससे पहले, मुख्यमंत्री धामी ने पंजीकृत व्यापारियों को भी सम्मानित करने की योजना का ऐलान किया। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई पंजीकृत व्यापारी सम्मान योजना के तहत, 160 उत्कृष्ट व्यापारियों को सम्मानित किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य उन व्यापारियों को प्रोत्साहित करना है जो राज्य कर विभाग में पंजीकृत हैं और नियमित रूप से कर भुगतान करते हैं।

इस योजना में 20 करोड़ रुपये तक के वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारी सम्मिलित किए जाएंगे। सम्मानित व्यापारियों का चयन जिला स्तर पर किया जाएगा। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि व्यापारी राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इस योजना के तहत उन व्यापारियों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने कर भुगतान में नियमित योगदान दिया है।

योजना के पात्रता मानदंड

पंजीकृत व्यापारी सम्मान योजना के लिए पात्रता मानदंड में शामिल हैं:

  • व्यापारी का राज्य कर विभाग में पंजीकरण होना चाहिए।
  • पिछले पांच वर्षों में व्यापारी ने नियमित रूप से कर भुगतान किया हो और कोई प्रतिकूल कार्रवाई न की गई हो।
  • व्यापारी पर कोई भी राजस्व देयता शेष नहीं होनी चाहिए।

यह योजना व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, और राज्य के व्यापारिक माहौल को भी सुधारने में मदद करेगी।

 

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