उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने पदोन्नति से संबंधित नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी है। अब से यदि कोई कर्मचारी पदोन्नति को छोड़ता है, तो उसे अपनी वरिष्ठता खोनी पड़ेगी। इसके अलावा, व्यक्तिगत सहायक संवर्ग में पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि के निर्धारण में भी बदलाव किया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की टेक्नीशियन संवर्ग सेवा संशोधन नियमावली 2024 को भी स्वीकृति मिली है। साथ ही, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में उप औषधि नियंत्रक का नया पद भी सृजित किया गया है।
सरकारी सेवाओं में पदोन्नति को ठुकराना अब कर्मचारियों के लिए महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि उन्हें अपनी वरिष्ठता से हाथ धोना पड़ सकता है। इस संदर्भ में उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने “उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली, 2024” को मंजूरी दी है।
सुगम क्षेत्रों में कार्यरत सरकारी कर्मचारी अक्सर पदोन्नति को अस्वीकार करते रहे हैं, जिससे पदोन्नति की प्रक्रिया प्रभावित होती रही है। इसी समस्या को देखते हुए “उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली, 2020” लागू की गई थी। हालांकि, इस नियमावली के कुछ प्रावधान कड़े नहीं थे। इसलिए, 22 दिसंबर, 2023 को मंत्रिमंडल ने पदोन्नति परित्याग के संबंध में केंद्र के समान कड़े प्रावधान लागू करने का निर्णय लिया। नए नियमों के अनुसार, पहली बार यदि कोई कर्मचारी पदोन्नति ठुकराता है, तो उसे अपनी वरिष्ठता खोनी पड़ेगी।
मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं के अंतर्गत वैयक्तिक सहायक संवर्गीय पदों पर पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि के निर्धारण में संशोधन नियमावली को स्वीकृति दे दी है। वित्त विभाग ने 23 फरवरी, 2024 को शासनादेश जारी करते हुए राजकीय विभागों में वैयक्तिक सहायक संवर्ग का पांच स्तरीय ढांचा पुनर्गठित किया है। इस नई व्यवस्था में मिनिस्टीरियल संवर्ग के समान वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का एक नया पद शामिल किया गया है। इस पद के संदर्भ में नियमावली में भी आवश्यक संशोधन किए गए हैं।