उपनल कर्मचारियों ने आज सचिवालय कूच करने का एलान किया है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया और तत्काल समाधान नहीं हुआ, तो संगठन से जुड़े 22 हजार कर्मचारी आज से ही हड़ताल पर चले जाएंगे। इस आंदोलन को राज्य निगम कर्मचारी महासंघ और हाईड्रो इलेक्ट्रिक इंपलाइज यूनियन ने भी अपना समर्थन दिया है, जिससे प्रदर्शन की ताकत और बढ़ गई है।
उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने बताया कि हाईकोर्ट ने 2018 में उपनल कर्मचारियों के पक्ष में एक अहम फैसला दिया था, जिसमें समान काम के लिए समान वेतन देने और उनकी सेवाओं को नियमित करने के लिए एक नियमावली बनाने का आदेश दिया गया था। हालांकि, राज्य सरकार ने इस आदेश को लागू करने में विफलता दिखाई और इसके बजाय सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दाखिल कर दी।
इस निर्णय के खिलाफ कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है, और उनका कहना है कि यह सरकार की अनदेखी और कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया है। अब कर्मचारी आंदोलन के जरिए अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कर्मचारी संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे हड़ताल को और बड़ा करने की योजना बना सकते हैं, जिससे राज्य की सरकारी सेवाओं में व्यापक असर पड़ सकता है।