गोपेश्वर (चमोली) : बदरीनाथ धाम और अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्र बर्फ से ढक गए हैं, जहां दो दिनों से हो रही बारिश और बर्फबारी के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोग समस्याओं का सामना कर रहे हैं। निजमुला घाटी के पाणा, ईराणी, झींझी, सुतोल, कनोल, रामणी, पडेरगांव, ल्वाणीं आदि गांवों में खेत, सड़कें और पैदल रास्ते बर्फ से जाम हो गए हैं, जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। महिलाएं सूखी लकड़ी और चारापत्ती लेने भी नहीं जा पा रही हैं।
रविवार को धूप खिलने से कड़ाके की ठंड से राहत मिली, लेकिन बर्फबारी वाले क्षेत्रों में शीतलहर का असर बना हुआ है। ईराणी गांव के चंदू नेगी ने बताया कि गांव में करीब एक फीट बर्फ जमी हुई है। रामणी गांव के निवर्तमान ग्राम प्रधान सूरज पंवार ने कहा कि बर्फ जमने से रास्तों पर फिसलन बढ़ गई है और नंदानगर-रामणी सड़क पर भी बर्फ जमा होने से वाहनों की आवाजाही में मुश्किलें आ रही हैं।
बदरीनाथ धाम में ताजी तीन फीट बर्फ, तापमान माइनस 14 तक पहुंचा
बदरीनाथ धाम में करीब तीन फीट ताजी बर्फ जमी हुई है। यहां का तापमान माइनस 14 डिग्री तक पहुंच चुका है। नीती और माणा गांव भी बर्फ से ढक गए हैं। मौसम साफ होने के बाद पाला गिरने से बर्फ ज्यादा देर तक बनी रह सकती है। औली में भी बर्फबारी हो रही है, जिससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है, खासकर थर्टी फर्स्ट के जश्न के लिए औली और ज्योतिर्मठ में पर्यटक पहुंच रहे हैं।
बदरीनाथ और मलारी हाईवे बंद, ऊखीमठ हाईवे खुला
बर्फबारी के कारण बदरीनाथ हाईवे हनुमान चट्टी से आगे और मलारी हाईवे भापकुंड से आगे बंद हैं। प्रशासन ने चमोली-मंडल-ऊखीमठ-कुंड हाईवे पर जेसीबी से बर्फ हटाकर वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी है, लेकिन पाला जमने से यहां आवाजाही खतरनाक हो गई है। बदरीनाथ हाईवे पर रड़ांग बैंड और कंचनगंगा के पास बर्फ जमा होने से यह मार्ग बर्फ से ढक गया है। बीआरओ ने बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया है।
केदारनाथ में बर्फबारी से कार्य ठप, मजदूर इंतजार में
केदारनाथ धाम में ढाई फीट बर्फ जमा है, जिसके कारण सभी पुनर्निर्माण कार्य बंद हैं। धाम में अब दो कार्यदायी संस्थाओं के लगभग 100 मजदूर रह गए हैं, लेकिन बर्फबारी के कारण काम रुक गया है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह तक मौसम ठीक होने पर मजदूरों को केदारनाथ भेजा जाएगा। वहीं, बदरीनाथ महायोजना के मास्टर प्लान का कार्य भी बर्फबारी के कारण रुक गया है। गावर कंपनी के मजदूर और इंजीनियर अब हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। मार्च से मास्टर प्लान के कार्यों को फिर से शुरू किया जाएगा।