उत्तराखंड में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्यघर योजना और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की शुरुआत की गई है। इन योजनाओं के अंतर्गत आवासीय कालोनियों, सरकारी भवनों, और छोटे व्यवसायों में सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं।
इस पहल में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे लोगों को सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसके अतिरिक्त, इन योजनाओं को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) से भी जोड़ा गया है, ताकि छोटे व्यवसायों को भी सौर ऊर्जा का लाभ मिल सके।
यह योजनाएं न केवल ऊर्जा के स्वच्छ स्रोत को प्रोत्साहित करेंगी, बल्कि आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
उत्तराखंड में पीएम सूर्यघर योजना के तहत आवासीय कालोनियों के भवनों में तेजी से सोलर रूफ टॉप स्थापित किए जाएंगे। ऊर्जा सचिव डा. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि इस संबंध में रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटियों के साथ बातचीत चल रही है।
सरकारी भवनों में भी सोलर रूफ टॉप लगाने की योजना है। डा. सुंदरम ने बुधवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस योजना में राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है, और आवेदनों के निस्तारण की दर में उत्तराखंड देश में अव्वल स्थान पर है। इस योजना में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी सब्सिडी प्रदान कर रही है।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के प्रति भी रुझान तेजी से बढ़ रहा है। डा. सुंदरम ने बताया कि वर्ष 2018-19 में शुरू की गई इस योजना में पहले कुछ बंदिशें थीं, लेकिन 2022 में योजना की गाइडलाइन में संशोधन किया गया। अब इसमें 250 मेगावाट तक के प्रोजेक्ट शामिल किए गए हैं, और इसे एमएसएमई से भी जोड़ा गया है।
इस प्रकार, उत्तराखंड में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ये योजनाएं महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही हैं।
सौर ऊर्जा के बेहतर परिणाम: उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रही परियोजनाएं
उत्तराखंड में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के तहत अब बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। राज्य में जगह-जगह छोटी-छोटी सौर यूनिट्स स्थापित की जा रही हैं, और वर्तमान में 174 मेगावाट की परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। टिहरी, उत्तरकाशी, और चंपावत जिलों में विशेष रूप से अच्छे कार्य किए जा रहे हैं।
मोरी तहसील के कुकरेड़ा गांव में तो सोलर ऊर्जा के साथ अदरक की खेती भी की जा रही है, जो कि एक सकारात्मक उदाहरण है।
नीति में बदलाव की तैयारी
एक प्रश्न के उत्तर में ऊर्जा सचिव डा. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की नीति में कुछ बदलाव करने की योजना है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य योजना को और अधिक प्रभावी बनाना और भुगतान से जुड़े मुद्दों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करना है।
इस प्रकार, उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के विकास के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, जो न केवल ऊर्जा उत्पादन में सहायता कर रहे हैं, बल्कि कृषि और स्थानीय विकास में भी योगदान दे रहे हैं