देहरादून: मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 5265 किलोवाट (5.26 मेगावाट) क्षमता के पांच सोलर पावर प्लांट को स्वीकृति दी गई। इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में लगभग 24 करोड़ रुपये का निवेश होगा। साथ ही हरित ऊर्जा को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का प्रयास निरंतर जारी रखे हुए है। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना संचालित की जा रही है। सौर नीति-2023 को अधिसूचित किया जा चुका है। इसके अंतर्गत टाइप-टू श्रेणी में उरेडा ने 20 जुलाई, 2023 को आवेदन आमंत्रित किए थे।
ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय अनुवीक्षण समिति ने पांच प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। इनमें एविंसिया रिन्युएबल प्राइवेट लिमिटेड को 2000 किलोवाट, सारा एस प्राइवेट लिमिटेड 275 किलोवाट, टेक्नोक्स इंजीनियरिंग एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 200 किलोवाट के सोलर प्लांट स्थापित करेगा। इसके अतिरिक्त सारा एस प्राइवेट लिमिटेड 520 किलोवाट व काशी विश्वनाथ स्टील टेक्सटाइल मिल प्राइवेट लिमिटेड 2270 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट लगाएगी।
ऊर्जा सचिव ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के दृष्टिगत एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने को उत्तराखंड कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने को प्रतिबद्ध है। इसके लिए हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने को रूफटॉप सोलर पावर प्लांट योजना भी संचालित की जा रही है।
ऊर्जा निगम के माध्यम से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए चलाई जा रही इस योजना में केंद्र के साथ राज्य सरकार भी सब्सिडी दे रही है। शुक्रवार को राज्य स्तरीय अनुवीक्षण समिति की बैठक में अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु, ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार, पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी के साथ राजस्व, उद्योग, वित्त, कृषि विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।