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ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर खतरे की सीमा के बहुत करीब.. त्रिवेणी घाट पूरी तरह से जलमग्न

ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी के निशान के बहुत करीब पहुंच गया है। शुक्रवार सुबह 11 बजे गंगा का जलस्तर 339.26 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी रेखा से केवल 24 सेंटीमीटर नीचे था। त्रिवेणी घाट में आरती स्थल शाम तक पूरी तरह पानी में डूब गया। हालांकि, दोपहर के समय से जलस्तर में थोड़ी कमी देखी गई है।

पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही तीव्र वर्षा के कारण ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। शुक्रवार को ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में गंगा के जल स्तर में पिछले दिनों की तुलना में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। सुबह 11 बजे गंगा का जलस्तर 339.26 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी रेखा से सिर्फ 24 सेंटीमीटर नीचे था। इस दौरान गंगा आरती घाट तक पानी पहुंच गया।

शाम तक आरती घाट पानी में डूबा रहा। दोपहर 12 बजे के बाद जलस्तर में आंशिक कमी देखी गई। शाम पांच बजे तक गंगा का जलस्तर 339.07 मीटर दर्ज किया गया। हालांकि, शाम तक आरती घाट में पानी बना रहा। उल्लेखनीय है कि ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में गंगा के जल स्तर की चेतावनी रेखा 339.50 मीटर (समुद्र तल से) और खतरे का निशान 340.50 मीटर है।

त्रिवेणी घाट में आरती स्थल शाम तक पूरी तरह पानी में डूबा हुआ नजर आया। ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक आरएस खोलिया ने बताया कि पुलिस गंगा के जल स्तर पर निरंतर निगरानी रख रही है। जल स्तर में बढ़ोतरी होने पर गंगा के तटों और तटीय आबादी वाले क्षेत्रों में मुनादी कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। गंगा घाटों पर जल पुलिस के जवान भी तैनात किए गए हैं।

मुनिकीरेती और लक्ष्मण झूला क्षेत्रों में भी अलर्ट जारी किया गया। गंगा के इन दोनों क्षेत्रों में भी उफान देखा गया, जिससे घाटों पर अत्यधिक तेज बहाव रहा। इस दौरान मुनिकीरेती के गंगा घाटों पर थाना प्रभारी निरीक्षक रितेश साह और वरिष्ठ उप निरीक्षक योगेश चंद्र पांडेय के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों को गंगा से दूर रहने की चेतावनी दी।

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