प्रदेश भर में देसी घी में मिलावट की जांच के लिए लिए गए नमूनों की रिपोर्ट एक महीने बाद भी नहीं आई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने त्योहारी सीजन में मिलावटखोरी को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया था, लेकिन सैंपल की जांच रिपोर्ट समय पर न मिलने के कारण मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में वितरित होने वाले लड्डू में मिलावट की शिकायत के बाद, विभाग ने 15 सितंबर को प्रदेश भर में देसी घी की गुणवत्ता जांच के लिए अभियान शुरू किया था। इस दौरान 113 नमूने एकत्रित कर रुद्रपुर प्रयोगशाला भेजे गए थे। हालांकि, सैंपल की जांच में 10 से 15 दिन का समय लगता है, लेकिन रुद्रपुर प्रयोगशाला में तकनीकी स्टाफ की कमी के कारण जांच में देरी हो रही है।
प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देश पर, त्योहारी सीजन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीमें खाद्य प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर रही हैं। टीम द्वारा मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लिए जा रहे हैं। हालांकि, सैंपल रिपोर्ट आने में लंबा समय लग रहा है, जिसके कारण मिलावटी खाद्य सामग्री के विक्रेताओं और निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त ताजबर सिंह ने स्वीकार किया है कि रुद्रपुर लैब से सैंपलों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यदि जांच में सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरते, तो विभाग की ओर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।