देहरादून:उत्तराखण्ड में अवैध नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ धामी सरकार ने कड़ा रूख अपनाया है। पंजीकरण न कराने वाले केंद्रों के खिलाफ स्वास्थ्य सचिव ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में नशा तस्करी को रोकने और नशे के तंत्र को ध्वस्त करने के लिए धामी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। प्रदेश में अवैध तौर पर संचालित किए जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर सरकार की नजर टेढ़ी हो गयी है। साल 2025 कर प्रदेश को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी नशामुक्ति केंद्रों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने अवैध संचालकों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने पंजीकरण नहीं कराया तो उनके केंद्रों पर एक्ट के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सीएम धामी के निर्देशों में नशा ग्रस्त व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ने व पुनर्वास के लिए प्रदेश के सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। वर्तमान में चार इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स संचालित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से समाज के विभिन्न वर्गों और विशेषकर युवाओं में नशे के दुष्परिणामों को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में नशे की गिरफ्त में आए लोगों को काउंसिलिंग और इलाज कर नशे से दूर किया जाएगा। गैर पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि जिन केंद्रों का पंजीकरण नहीं कराया जाएगा उनके केंद्रों पर एक्ट के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
14 दिसम्बर तक कर सकते हैं पंजीकरण
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के अनुसार नशामुक्ति केन्द्रों एवं मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों के संचालन के लिए कोई मानक नहीं होने के कारण कई बार अखबारों एवं टेली मीडिया द्वारा कई संस्थानों में अनियमितताओं एवं दुर्व्यवहार की सूचना समय-समय पर आ रही थी। इस कारण सरकार ने इन संस्थानों के लिए नियम-विनियम बनाकर राज्य में प्रख्यापित कर दिए हैं।
सभी मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, नशामुक्ति केन्द्र व ऐसे पुनर्वास केन्द्र जहां मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्ति रखे जाते हैं। उन नियम के अनुरूप क्रियान्वित हो। सभी को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकृत होना अनिवार्य है। सभी पंजीकृत संस्थानों का समय-समय पर अंकेक्षण और निरीक्षण भी कराया जाएग। नशा मुक्ति केंद्रों के पंजीकरण कराने की अंतिम तारीख 14 दिसम्बर है।
अब तक 70 नशामुक्ति केन्द्रों ने किया पंजीकरण के लिए आवेदन
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया मौजूदा समय में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में लगभग 70 नशामुक्ति केन्द्रों एवं मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा पंजीकरण हेतु आवेदन किया है। जिसके क्रम में पंजीकरण प्रमाण-पत्र बांटने की प्रक्रिया गतिमान है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अपंजीकृत केन्द्र संचालित करने पर वो केन्द्र गैर-कानूनी माने जाएंगे और उनके विरूद्ध राज्य मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख अधिनियम-2017 के प्राविधान के तहत कार्रवाई की जाएगी।