द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होने पर 250 से अधिक श्रद्धालु बने साक्षी कपाट बंद होने के बाद, सुबह भगवान मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली देव निशानों के साथ पहले पड़ाव गौंडार के लिए रवाना हुई।
द्वितीय केदार मद्महेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद, डोली ओंकारेश्वर के लिए रवाना
पंच केदार में स्थित द्वितीय मद्महेश्वर मंदिर के कपाट आज बुधवार को शुभ लग्न में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर बाबा मद्महेश्वर की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल, पंचकेदार ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर गई। 25 नवंबर को डोली ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी।
बाबा मद्महेश्वर की डोली के ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचने पर स्वयं केदारनाथ के रावल, भीमाशंकर लिंग मंगोलचारी डोली की अगवानी करेंगे। इस वर्ष 22 मई से शुरू हुई द्वितीय केदार की यात्रा में अब तक 20 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
कपाट बंद होने के बाद डोली का रात्रि प्रवास, 25 को ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी कपाट बंद होने के साथ ही बाबा मद्महेश्वर की डोली अपने पहले रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी। अगले दिन डोली रांसी और फिर गिरीया गांव में रात्रि विश्राम करेगी। 25 नवंबर को डोली शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो जाएगी।