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अंतरिक्ष में रहकर भारतीय छात्रों से बातचीत करेंगे शुभांशु शुक्ला, जानें कब और कैसे देखें लाइव


हैदराबाद: भारत के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक जॉइंट मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने वाले पहले भारतीय बने हैं. अब वह इसरो के वैज्ञानिकों और भारत के स्कूली बच्चों से बात करने वाले हैं. शुभांशु शुक्ला 4 जुलाई 2025 यानी आने वाले शुक्रवार को HAM Radio के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अपने ऑर्बिटल पोस्ट से भारत की स्पेस एजेंसी यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (IRSO)और भारतीय स्कूल के छात्रों से बातचीत करेंगे.

अमैच्योर रेडियो ऑन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी ARISS ने जानकारी दी है कि शुभांशु शुक्ला के साथ वैज्ञानिकों और बच्चों की बातचीत कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मौजूद यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में स्थापित एक टेलीब्रिज यानी हैम रेडियो के जरिए से की जाएगी. यह सेंटर स्कूल के बच्चों को ऑर्बिटल लैबोरटी में एस्ट्रोनॉट्स से बातचीत करने की सुविधा प्रदान करता है.

हैम रेडियो क्या होता है?

हैम रेडियो को आधिकारिक तौर पर अमैच्योर रेडियो के रूप में जाना जाता है. यह आम लोगों के द्वारा चलाया जाने वाला एक नॉन-कमर्शियल रेडियो कम्यूनिकेशन सर्विस है. हालांकि, इस रेडियो सर्विस को सरकार से लाइसेंस मिला हुआ है. हैम रेडियो को चलाने वाले ऑपरेटर्स एक फिक्च रेडियो फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करके दूर-दराज के शहरों, देशों और यहां तक की अंतरिक्ष में मौजूद एस्ट्रोनॉट्स से भी बात कर सकते हैं. हैम रेडियो का ज्यादातर इस्तेमाल इमजरेंसी परिस्थितियों में किया जाता है, क्योंकि उस दौरान ट्रेडिशनल या टेलीकॉम नेटवर्क फेल हो जाते हैं.

हालांकि, 4 जुलाई को हैम रेडियो का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में पहली बार जाने वाले भारतीय एस्ट्रोनॉट यानी शुभांशु शुक्ला से इसरो के वैज्ञानिकों और स्कूल के बच्चों से बातचीत करने के लिए किया जाएगा.शुभांशु के साथ स्कूल के बच्चों की बात कराने का मकसद स्पेस साइंस और स्पेस को एक्सप्लोर करने के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित करना है. यह बातचीत 4 जुलाई को भारतीय समयानुसार 3:47 PM को होगी. इसे इसरो, ARISS के सोशल मीडिया हैंडल्स पर लाइव दिखाया जा सकता है. हालांकि, हमें इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.

14 दिन की मिशन पर शुभांशु शुक्ला

आपको बता दें कि 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे शुभांशु शुक्ला ने अपने 3 अन्य साथी एस्ट्रोनॉट्स के साथ अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित स्पेसएक्स के स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के रॉकेट Falcon 9 के माध्यम से उड़ान भरी थी. इस रॉकेट ने शुभांशु शुक्ला के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की निचली कक्षा तक 8 मिनट में पहुंचा दिया था. उसके बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम 4 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से सफलतापूर्वक डॉक किया और करीब 5:54 मिनट पर शुभांशु शुक्ला समेत अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कदम रखा.

ये सभी एस्ट्रोनॉट्स 14 दिन के मिशन पर स्पेस स्टेशन गए हैं. इस मिशन का नाम Axiom Mission 4 है. इस मिशन के तहत स्पेस में खेती करने, इंसानों की सेल्स और टिश्यूज़ के डेवलप होने समेत कई प्रयोग किए जाएंगे.

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