हैदराबाद: पिछले कुछ हफ्तों में शुभांशु शुक्ला की चर्चाएं काफी ज्यादा हो रही है. शुभांशु शुक्ला भारत की ओर से अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने वाले पहले भारतीय बने हैं. वह 25 जून को पृथ्वी से निकले थे और 28 घंटे की यात्रा करने के बाद 26 जून को अंतरिक्ष में पहुंचे थे. अब उनके वापस आने की तैयारियां चल रही है. शुभांशु शुक्ला अपनी टीम के साथ 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार 4:35 PM को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी के लिए रवाना होंगे.
शुभांशु शुक्ला के इस मिशन का नाम Axiom Mission 4 है. इस मिशन में उनके क्रू में कुल 4 एस्ट्रोनॉट्स शामिल हैं. उनमें अमेरिका Peggy Whitson हैं, जो मिशन कमांडर की भूमिका निभा रही हैं. उनके अलावा पोलैंड के Slawosz Uznanski-Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu मिशन स्पेशलिस्ट की भूमिका निभा रहे हैं. इन तीनों के अलावा भारत के शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका निभा रहे हैं, जो भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन भी हैं.
7 दिनों तक चलेगा रिहेब प्रोग्राम
Dragon अंतरिक्ष यान ने ISS (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) से अनडॉक करने के बाद कई कक्षा परिवर्तन (orbital manoeuvres) करेगा. स्पेसक्राफ्ट का स्प्लैशडाउन 15 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे अमेरिकी शहर कैलिफ़ोर्निया के तट पर होगा. वापसी के बाद, सभी चार एस्ट्रोनॉट्स को 7 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम (rehabilitation programme) को पूरा करना होगा. यह कार्यक्रम अंतरिक्ष से लौटने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए इसलिए जरूरी होता है, क्योंकि उनकी बॉडी को माइक्रोग्रैवेटी में रहने की आदत हो जाती और उसे फिर ग्रैवेटी वाले माहौल में एडजस्ट करने में टाइम लगता है.
इस कार्यक्रम के बारे में इसरो ने कहा कि, गगनयात्री (शुभांशु शुक्ला) को पृथ्वी की ग्रैवेटी में फिर से खुद को एडजस्ट करने में मदद होगी और इसलिए ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. एक्सिम स्पेस ने अपने एक बयान में बताया कि, शुभांशु शुक्ला और उनके क्रू-मेंबर्स ने ऑर्बिटल लैबोरटरी में रहते हुए अंतरिक्ष में करीब 100 लाख किलोमीटर (96.5 लाख किलोमीटर) का सफर तय किया है और करीब 230 सनराइज़ यानी सूर्योदय देखे हैं.
Axiom-4 mission के बारे में बता दें कि इसे अमेरिका के फ्लोरिडा में स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से 25 जून को लॉन्च किया गया था. उसके बाद स्पेसएक्स का Falcon 9 रॉकेट ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को लेकर पृथ्वी की निचली कक्षा तक गया, जिसके बाद ड्रैगन ने पृथ्वी के कई चक्कर लगाए. उसके बाद 26 जून को भारतीय समयानुसार करीब 4 बजे स्पेसक्राफ्ट ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ डॉक किया और फिर 5:54 मिनट पर शुभांशु शुक्ला समेत इस मिशन के सदस्यों ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कदम रखा.
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