नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में ओवरएज वाहन चलाने वाले हजारों वाहन चालकों को अस्थायी राहत देते हुए, दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पत्र लिखकर कहा है कि तकनीकी चुनौतियों और जटिल प्रणालियों के कारण ऐसे वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस कदम से लोगों में असंतोष है और सरकार उनके साथ खड़ी है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने सुझाव दिया है कि यह प्रतिबंध पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने अधिक आयु वाले वाहनों के लिए ‘कड़े मानदंड’ तय करने के लिए पिछली AAP सरकार की आलोचना की.
सीएक्यूएम को लिखे पत्र के अनुसार, मंत्री ने कहा कि, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार EOL वाहनों पर प्रतिबंध लागू करने, उनका पंजीकरण रद्द करने और यह सुनिश्चित करने के संबंध में माननीय NGT और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन कर रही है कि वे दिल्ली की सड़कों पर न चलें.”
उन्होंने आगे कहा कि, “हालांकि, जहां तक स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) द्वारा पहचाने गए सभी EOL वाहनों को ईंधन देने से इनकार करने के संबंध में निर्देश संख्या 89 के कार्यान्वयन का सवाल है, यह महसूस किया जाता है कि नीचे उल्लिखित कई महत्वपूर्ण परिचालन और बुनियादी चुनौतियों के कारण, इस समय इस आदेश को लागू करना संभव नहीं होगा.”
पत्र में आगे लिखा गया है कि “निर्देश संख्या 89 का तत्काल क्रियान्वयन समय से पहले और संभावित रूप से प्रतिकूल हो सकता है.” मंत्री ने सरकार की चिंताओं को साझा किया, जिसमें ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरों में तकनीकी खामियां शामिल हैं.
दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई से, जीवन-काल समाप्त हो चुके वाहनों के लिए ईंधन पर प्रतिबंध लगा दिया था. 10 साल या उससे अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल या उससे अधिक पुराने पेट्रोल वाहन – जिनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है और जिन्हें न्यायालय के आदेश के अनुसार सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं है.
परिवहन विभाग और यातायात पुलिस प्रतिबंध लागू होने के बाद ईंधन भरने के लिए पेट्रोल पंपों पर पहुंचने वाले जीवन-काल समाप्त हो चुके वाहनों (ELV) को जब्त कर रही है. मंत्री ने CAQM को लिखे अपने पत्र में आगे कहा कि यह प्रणाली EOL वाहनों की पहचान करने में असमर्थ है, जहां हाई सेक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेटों से संबंधित समस्याएं हैं. उन्होंने पत्र में लिखा कि, “इन मुद्दों को दिल्ली में लागू करने से पहले उचित परीक्षण और त्रुटि सुधार की आवश्यकता है.”
पत्र में कहा गया कि, “केवल दिल्ली में चरणबद्ध तरीके से इसे लागू करने से इसका उद्देश्य पूरा नहीं होगा. इससे वाहन मालिकों को गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद जैसे पड़ोसी जिलों से ईंधन खरीदने की संभावना बढ़ जाएगी, जिससे प्रतिबंध को दरकिनार किया जा सकेगा और ईंधन के लिए अवैध सीमा पार बाजार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे समस्या और बढ़ेगी.”
मंत्री ने पत्र में लिखा कि, “हम आयोग से दृढ़तापूर्वक आग्रह करते हैं कि वह निर्देश संख्या 89 के क्रियान्वयन को तत्काल प्रभाव से रोक दे, जब तक कि ANPR प्रणाली पूरे NCR में एकीकृत नहीं हो जाती. हमें विश्वास है कि दिल्ली सरकार के चल रहे बहुआयामी प्रयासों से वायु गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार होगा.”