हैदराबाद: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन चलाने वाले उन लोगों पर के खिलाफ कार्रवाई करने की घोषणा की है, जो अपनी कार के विंडशील्ड पर निर्धारित स्थान पर FASTag स्टिकर नहीं लगाते हैं. NHAI ने ढीले और गलत तरीके से लगाए गए FASTag की तुरंत सूचना देने और उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की अपनी नीति को मजबूत करने का फैसला किया है.
इसे आमतौर पर ‘Tag-In-Hand’ के तौर पर जाना जाता है. एजेंसी का उद्देश्य यह है कि टोल धोखाधड़ी पर अंकुश लगाया जा सके और टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ कम किया जा सके. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि इस कदम से टोल संचालन और भी सुचारू हो जाएगा.
मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि वार्षिक पास प्रणाली और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोलिंग जैसी आगामी पहलों को देखते हुए, FASTag की प्रामाणिकता और प्रणाली की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए इस समस्या का समाधान करना बेहद जरूरी है. इस कदम के साथ, प्राधिकरण ने टोल संग्रह एजेंसियों और रियायतग्राहियों के लिए अपनी नीति को और भी सुव्यवस्थित कर दिया है ताकि वे ढीले FASTags की तुरंत सूचना दे सकें.
FASTag की तस्वीर (फोटो – Getty Images)
इस फैसले की क्या है जरूरत
कई बार देखा गया है कि वाहन मालिक जानबूझकर अपने वाहन के विंडस्क्रीन पर FASTags नहीं लगाते. मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की आदत से अक्सर परिचालन संबंधी चुनौतियां सामने आती हैं, जिससे लेन में भीड़भाड़, झूठे चार्जबैक, क्लोज्ड-लूप टोलिंग सिस्टम में दुरुपयोग, इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह ढांचे में समग्र व्यवधान, टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी और अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग यूजर्स को असुविधा होती है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, समय पर सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए, NHAI ने एक समर्पित ईमेल एड्रेस भी जारी किया है, और टोल संग्रह एजेंसियों और रियायतग्राहियों को ऐसे ढीले FASTags की तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया है. प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर, NHAI रिपोर्ट किए गए FASTags को ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट करने के लिए तत्काल कार्रवाई करेगा.
मौजूदा समय में, पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने वाले कुल वाहन चालकों में से 98 प्रतिशत से अधिक टोल चार्ज का भुगतान करने के लिए FASTags का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस प्रणाली से भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली में क्रांति आई है. हालांकि, ढीले FASTags या हाथ में टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह कार्य की दक्षता के लिए एक चुनौती बनते हैं.

टोल प्लाजा की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो – IANS)
हाल ही में लॉन्च हुआ था वार्षिक पास
गौरतलब है कि हाल ही में मंत्रालय ने FASTags यूजर्स के लिए वार्षिक पास की योजना को भा लॉन्च किया था. इससे पहले जून 2025 में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि सरकार ने देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध और किफ़ायती यात्रा सुनिश्चित करने के लिए FASTags-आधारित वार्षिक पास शुरू करने का निर्णय लिया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि FASTags-आधारित वार्षिक पास की कीमत 3,000 रुपये रखी गई है और यह एक्टिवेशन की तारीख से एक साल या अधिकतम 200 ट्रिप के लिए ही वैध रखा गया है. जानकारी के अनुसार, इसे इस साल स्वतंत्रता दिवस पर लॉन्च किया जाएगा.