हैदराबाद: शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई 2025 को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर वापस लौटे थे. उनके स्पेसक्राफ्ट कैलिफोर्निया के तट पर लैंड किया था. अंतरिक्ष से वापस आने के बाद एस्ट्रोनॉमर्स के शरीर को पृथ्वी के वातावरण से तालमेल बैठाने में थोड़ा वक्त लगता है और इसलिए उन्हें रिहैब सेंटर में जाना पड़ता है. इसरो ने शुभांशु शुक्ला की सेहत पर अपडेट दिया है. गुरुवार यानी 17 जुलाई 2025 को इसरो ने अपने एक बयान में कहा कि शुभांशु शुक्ला की कंडीशन स्टेबल यानी स्थिर है.
आईएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने कहा कि वो शुभांशु शुक्ला के रिहैब प्रोग्राम में Axiom Space के साथ काम कर रही है और भारतीय एस्ट्रोनॉट की फिज़िकल और मेंटल हेल्थ को लगातार मॉनिटर कर रही है. इसरो ने शुभांशु शुक्ला के शुरुआती हेल्थ चेकअप्स में पाया कि उन्हें किसी भी तत्काल दिक्कत नहीं है.
25 जुलाई को लॉन्च हुआ था मिशन
आपको बता दें कि 26 जुलाई को शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने वाले पहले और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय एस्ट्रोनॉट्स बने. अंतरिक्ष में शुभांशु से पहले सन् 1984 में राकेश शर्मा भी जा चुके हैं, जो भारत के पहले एस्ट्रोनॉट यानी अंतरिक्ष यात्री हैं. शुभांशु के इस मिशन का नाम Axiom Mission 4 था. इस मिशन को 25 जून को स्पेसएक्स के रॉकेट Falcon 9 और स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन (ग्रेस) के जरिए लॉन्च किया था. लगभग 28 घंटों की यात्रा करने के बाद 26 जून को शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे थे.
इस मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका में थे, जबिक मिशन कमांडर अमेरिका की Peggy Whitson, मिशन स्पेशलिस्ट्स – पोलैंड की Slawosz Uznanski-Wisniewski और हंगरी की Tibor Kapu शामिल थे. इनमें से भारत, पोलैंड और हंगरी के एस्ट्रोनॉट्स पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गए थे.
Axiom Space के साथ काम कर रही इसरो
इन चारों एस्ट्रोनॉट्स को पृथ्वी पर वापस आने के बाद रिहैब सेंटर में भेजा गया है, जहां उनका चेकअप किया जा रहा है. शुभांशु शुक्ला भी कैलिफोर्निया के तट पर लैंड करने के बाद, वहां मौजूद जहाज से हेलीकॉप्टर के जरिए एयरलिफ्ट किए गए थे और उन्हें सीधा मेडिकल चेकअप और डीबिफ्रिंग सेशन्स के लिए लेकर जाया गया था. उसके बाद शुभांशु को एक हफ्ते के लिए Houston में स्थित एक रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम सेंटर में भेज दिया गया, जहां उनके शरीर पर माइक्रोग्रैविटी के जरिए हुए किसी भी संभावित प्रभावों की जांच की जा रही है.
इसरो ने भी अपनी पैनी नज़र शुभांशु शुक्ला के रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम पर बनाई हुई है. इसरो ने देखा कि रिहैब सेंटर में शुभांशु से उनकी फिज़िकल और मेंटल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए जरूरी एक्टिविटीज़ कराई जा रही है. इस दौरान रिहैब टीम देख रही है कि क्या शुभांशु के शरीब पर माइक्रोग्रैविटी का कोई असर पड़ा है या नहीं और उन्हें नॉर्मल एक्टिविटीज़ के दौर में वापस लाने का काम किया जा रहा है.
इसरो ने बताया कि, मेडिकल चेकअप्स की सीरीज में खासतौर पर कार्डियोवैसकुलर असेसमेंट्स, मस्कलोस्केलटल टेस्ट्स और सायकोलिजिकल डीब्रिफ्रिंग शामिल हैं. ये सभी टेस्ट्स एक्सिम के फ्लाइट सर्ज़न की देखरेख में की गई है और इसरो के फ्लाइट सर्ज़न भी इस प्रोग्राम में पार्टिशिपेट कर रहे हैं. बहरहाल, बीते बुधवार को शुभांशु शुक्ला कई दिनों के बाद अपनी पत्नी कामना शुक्ला और अपने 6 साल के बेटे किआश शुक्ला से मिले, जिनकी पिक्चर्स सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं.