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क्रिकेट का हेल्मेट तेज़ रफ्तार वाली गेंद से सिर को कैसे बचाता है, नई रिसर्च में हुआ इस टेक्नोलॉजी का खुलासा


हैदराबाद: क्रिकेट पूरी दुनिया का एक लोकप्रिय खेल है. खासतौर पर भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता काफी ज्यादा है. क्रिकेट खेलने के लिए खिलाड़ियों के कई चीजों का इस्तेमाल करना पड़ता है और क्रिकेट की पूरी किट में एक बेहद जरूरी चीज हेल्मेट होती है, क्योंकि अगर क्रिकेटर्स बिना हेल्मेट के बल्लेबाजी या नजदीकी फिल्डिंग करेंगे तो भारी गेंद उनके सिर पर लग सकती है, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो सकता है या फिर उनकी मौत भी हो सकती है.

क्रिकेट के इतिहास में कई बार सिर पर गेंद लगने से खिलाड़ियों की मौत हुई भी है. ऐसे में हेल्मेट खिलाड़ियों की जान बचाने के लिए एक बेहद जरूरी आइटम बन जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्रिकेट के हेल्मेट में ऐसी कौनसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, जो खिलाड़ियों के सिर को 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आने वाली भारी-भरकम गेंद से भी बचा लेता है.

क्रिकेट हेल्मेट पर हुई नई रिसर्च

इसके बारे में हाल ही में एक नई रिसर्च की गई है. इस रिसर्च को करने वाले रिसर्चर्स का नाम Chenghong Long और Tao Wang है और उनके इस रिसर्च पेपर को जुलाई 2025 में AIP Advances नाम के एक जर्नल में पब्लिश किया गया है. इस रिसर्च में हेल्मेट को बनाए जाने वाले तीन अलग-अलग मटेरियल्स को टेस्ट किया गया, ताकि यह समझा जा सके कि हेल्मेट में ऐसे कौनसे मटेरियल्स का इस्तेमाल होता है, जो सिर को सबसे बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है. ये तीन अलग-अलग मटेरियल्स निम्नलिखित हैं:

  • ABS प्लास्टिक (Acrylonitrile–Butadiene–Styrene)
  • फाइबरग्लास (Fiberglass Composite)
  • एलुमिनियम 6061-T6 (Aluminum Alloy)

क्रिकेट हेल्मेट को बनाने के लिए इन्हीं तीनों में से किसी मटेलियर का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें रिसर्चर्स ने कंप्यूटर सिमुलेशन के ज़रिए तेज़ गेंद के टकराव जैसी स्थिति बनाकर टेस्ट किया गया.

कैसे काम करता है क्रिकेट हेल्मेट?

जब क्रिकेट में तेज़ रफ्तार वाली गेंद हेल्मेट से टकराती है तो उसमें दो तरह की चीजें होती हैं:

  • Strain (तनाव) – हेल्मेट कितना खिंचता या दबता है.
  • Stress (दबाव) – हेल्मेट के अंदर कितना ज़ोर पड़ता है.

इन दोनों चीजों को दो हिस्सों में बांटा जाता है, जो निम्नलिखित हैं:

  • Elastic – जो दबाव के बाद वापस अपनी जगह आ जाए.
  • Plastic – जो दबाव के बाद हमेशा के लिए बदल जाए.

क्रिकेट हेल्मेट में इस्तेमाल किए जाने वाले तीनों मटेरियल्स यानी ABS प्लास्टिक, फाइबरग्लास और एलुमिनियम 6061 में कुछ अंतर होते हैं, जिन्हें आप नीचे दी गई टेबल्स के जरिए आसानी से समझ सकते हैं.

मटेरियल Elastic Strain (लचीलापन) Stress (दबाव) खासियत
ABS 0.16 Moderate हल्का, टिकाऊ, सस्ता
फाइबरग्लास 0.02 बहुत ज़्यादा (1500% ज्यादा) बहुत मजबूत, लेकिन भारी
एलुमिनियम 0.58 कम हल्का, लेकिन ज़्यादा खिंचता है

सिर की सुरक्षा कैसे होती है?

दरअसल, इस रिसर्च में पाया गया कि हेल्मेट का डिज़ाइन कुछ इस तरह का होता है कि जब गेंद उससे टकराती है तब उसका दबाव हेल्मेट में फैल जाता है और वो सिर तक पहुंचते-पहुंचते काफी कम हो जाता है. इस रिसर्च में रिसर्चर्स ने पाया कि फाइबरग्लास सबसे ज्यादा दबाव को झेल सकता है, लेकिन वो भारी होता है. वहीं, एबीएस एक संतुलित ऑप्शन है, जिसका वजन भी कम होता है और वो सुरक्षा भी काफी अच्छी देता है जबकि एलुमिनियम हल्का तो होता है, लेकिन वो दबाव को ज्यादा खींचता है, जिससे सिर को नुकसान हो सकता है. इसका मतलब साफ है कि एबीएस क्रिकेट हेल्मेट के लिए सबसे अच्छा विकल्प है जबकि फाइबरग्लास भी अच्छा होता, लेकिन उसका वजन ज्यादा होता है.

लिहाजा, इस रिसर्च से हमें यह समझ में आता है कि क्रिकेट हेल्मेट महज एक प्लास्टिक और स्टील का टुकड़ा नहीं होता बल्कि यह एक वैज्ञानिक ढांचे पर बना सिक्योरिटी डिवाइस है. हेल्मेट में सही मटेरियल का इस्तेमाल खिलाड़ियों की सुरक्षा में बहुत बड़ा फर्क पैदा कर सकता है. रिचर्स से पता चलता है कि एबीएस और फाइबरग्लास जैसे मटेरियल्स हेल्मेट के लिए काफी अच्छे ऑप्शन्स हो सकते हैं, लेकिन खिलाड़ियों की सुरक्षा और सहुलियत को ध्यान में रखते हुए ऐसा हेल्मेट बनाना चाहिए, जो वजन, मजबूती और आरामदायक तीनों हो.

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