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GSEC India: Google ने हैदराबाद में खोला एशिया का पहला सेफ्टी इंजीनियरिंग सेंटर, ऑनलाइन फ्रॉड पर लगेगी लगाम


हैदराबाद: गूगल ने भारत को दुनिया का एक ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी हब बनाने की ओर एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. दरअसल गूगल ने हैदराबाद में गूगल सेफ्टी इंजीनियर सेंटर GSEC India का उद्घाटन किया है. यह भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का पहला और दुनिया का चौथा सेफ्टी इंजीनियर सेंटर है. गूगल ने इसके लिए एक प्रेस रिलीज़ जारी किया है. आइए हम आपको इस ख़बर के बारे में बताते हैं.

कंपनी की प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने गूगल के सेफ्टी इंजीनियर सेंटर का उद्घाटन किया. उन्होंने इस महत्वपूर्ण कदम को भारत की डिजिटल सिक्योरिटी और तेलंगाना की टेक्निकल फ्यूचर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टेक्नोलॉजी का जमाना है. एआई ने लोगों का काम तो काफी आसान कर दिया है और उन्हें बहुत सारे खास फीचर्स की सौगात भी दी है, लेकिन उसके साथ-साथ लोगों के साथ होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड्स की संख्या भी तेजी से बढ़ी है, जो पूरी दुनिया की सरकारों और टेक कंपनियों के लिए चिंता का बड़ा विषय बन गया है.

GSEC का मकसद

ऐसे में भारत में गूगल के द्वारा सेफ्टी इंजीनियरिंग सेंटर खोलना न सिर्फ भारत के डिजिटल थ्रेट्स को रोकने में मदद करेगा, बल्कि पूरे एशिया की टेक्निकल डेवलपमेंट और लोगों की डिजिटल सिक्योरिटी को बढ़ावा देगा. इसे भारत के राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में 18 जून 2025 को लॉन्च किया गया था. यह गूगल का ग्लोबल स्तर पर चौथा और एशिया का पहला GSEC है. गूगल का पहला सेफ्टी इंजीनियरिंग सेंटर जर्मनी के मुनीच (Munich) में, दूसरा सेंटर आयरलैंड के डब्लिन, तीसरा सेंटर स्पेन के मलागा (Málaga) और अब चौथा भारत के हैदराबाद में खोला गया है.

क्रमांक शहर, देश प्रमुख उद्देश्य / फोकस क्षेत्र
1 म्यूनिख, जर्मनी प्राइवेसी और सिक्योरिटी इंजीनियरिंग में वैश्विक नेतृत्व
2 डबलिन, आयरलैंड कंटेन्ट रिस्पॉन्सिबिलिटी और पॉलिसी निर्माण
3 मालागा, स्पेन साइबर-सिक्योरिटी, मैलवेयर विश्लेषण और डिजिटल खतरों की पहचान
4 हैदराबाद, भारत एआई-आधारित साइबर सुरक्षा, ऑनलाइन सेफ्टी और एशिया-प्रशांत क्षेत्र का केंद्र

इसकी स्थापना के दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के साथ आईटी मंत्री डी. श्रीधर बाबू और गूगल के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए.रेवंत रेड्डी ने अपने आधिकारिक एक्स (पुराना नाम ट्विटर) अकाउंट पर तस्वीरों के साथ एक पोस्ट शेयर किया था. उसमें उन्होंने बताया कि हैदराबाद का गूगल के साथ रिस्ता नया नहीं है. उन्होंने लिखा कि गूगल और हैदराबाद की पार्टनरशिप 2007 से है. उस दौरान गूगल ने यहां पर पहला ऑफिस खोला था. इस वक्त हैदराबाद में गूगल के 7000 कर्मचारी है और यह अमेरिका के बाहर गूगल का सबसे बड़ा कैंपस है. अब गूगल ने हैदराबाद में एशिया का पहला GSEC भी खोल दिया. इसका मुख्य मकसद ऑनलाइन फ्रॉड से यूज़र्स की सुरक्षा करना है. इसके अलावा सरकारी और पर्सनल इंफ्रास्ट्रक्चर की साइबर सिक्योरिटी सुनिश्चित करना है. इसके अलावा गूगल के सेफ्टी इंजीनियरिंग सेंटर का उद्देश्य बेहतर और जिम्मेदार एआई सिस्टम बनाने के साथ उन्हें बेहतरीन ट्रेनिंग देना भी है.

GSEC की मुख्य टेक्नोलॉजी

इसमें एआई टेक्नोलॉजी के साथ लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) का उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा इसमें Gemini Nano के जरिए एंड्रॉयड डिवाइस पर रियल-टाइम स्कैम अलर्ट जैसी सुविधा देगी. इसके अलावा गूगल की इस खास टेक्निकल सिस्टम की मदद से Gmail, Google Play और Google Search पर फ्रॉड डिटेक्टन सिस्टम को बेहतर बनाया जाएगा. इसके अलावा गूगल सेफ्टी इंजीनियरिंग सिस्टम की मदद से गूगल प्ले प्रोटेक्ट (Google Play Protect) को मजबूत किया जाएगा. इसके अलावा इस सेंटर की मदद से एआई टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल को भी रोका जाएगा.

इसके बारे में गूगल की एक अधिकारी प्रीति लोबाना ने कहा कि, गूगल सेफ्टी इंजीनियरिंग सेंटर के माध्यम से भारत को ग्लोबल एआई और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की उपाधि मिलेगी, जो पूरे देश के ऑनलाइन यूज़र्स के डिजिटल ट्रस्ट को मजबूत करने का काम करेगी. उनके अलावा गूगल के अन्य अधिकारी हेडर एडकिंस ने कहा कि, यह सेंटर ग्लोबल स्टेज पर ऑनलाइन अटैकर्स और सिक्योरिटी सिस्टम की दूरियों को भी कम करेगा, जिससे ऑनलाइन फ्रॉड्स को कम किया जा सकता है.

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